नई दिल्ली (New Dehli) । विपक्ष के INDIA गठबंधन (alliance)की आज चौथी मीटिंग(Meeting) होने वाली है। इस मीटिंग से पहले ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)की पार्टी टीएमसी ने बंगाल में कांग्रेस (Congress)को महज 2 सीटें देने के संकेत दिए हैं। वहीं सपा भी कई बार यह दोहरा चुकी है कि जिसकी जहां ज्यादा ताकत है, उसे वहां अधिक मौके मिलने चाहिए। ऐसे में यूपी में सपा से गठबंधन होने पर कांग्रेस को कितनी लोकसभा सीटें चुनाव लड़ने के लिए मिलेंगी, यह बड़ा सवाल है। सोमवार को ऐसे ही तमाम सवालों को लेकर यूपी कांग्रेस के नेताओं की राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से दिल्ली में मीटिंग हुई। इस मीटिंग में यूपी कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की सलाह थी कि सपा से ही गठबंधन किया जाए।
कुछ नेताओं ने तो बसपा का साथ लेने की भी बात कही, लेकिन मायावती के एकला चलो वाले रुख को देखते हुए उस पर चर्चा नहीं हुई। इस बीच सपा से गठबंधन की स्थिति में कई नेताओं ने सवाल उठाया कि यह समझौता सम्मानजनक होना चाहिए और हमें सीटों को लेकर समझौते से बचना होगा। दरअसल कांग्रेस नेताओं को अखिलेश यादव का रुख देखते हुए लग रहा है कि वह कांग्रेस को रायबरेली और अमेठी के अलावा अन्य सीटें देने में आनाकानी कर सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस पहले ही सपा पर दबाव बनाने की कोशिश में है।
यूपी से चुनाव में उतरेंगे राहुल, प्रियंका और खरगे?
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी 2004 और 2009 में जीती हुई सीटों पर दावा कर सकती है। कांग्रेस मानती है कि कुछ शहरी सीटें जैसे कानपुर, प्रयागराज, फूलपुर आदि में उसकी अच्छी पकड़ रही है। ऐसे में यहां सपा को त्याग करना चाहिए। इस मीटिंग में एक और रणनीति पर चर्चा हुई है। वह यह कि सोनिया गांधी तो रायबरेली से चुनाव लड़ती ही हैं। उनके अलावा अमेठी से राहुल गांधी मैदान में उतरें और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी यूपी की ही किसी सीट से चुनावी समर में जाएं। प्रियंका गांधी वाड्रा को भी यूपी की किसी सीट से चुनाव लड़ाने की बात मीटिंग में कही गई। खुद कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय राय ने यह सुझाव दिया।
मुस्लिम वोटों का दम दिखा कांग्रेस मांगेगी मुरादाबाद जैसी सीटें
इसके अलावा कांग्रेस का कहना है कि उसके साथ मुस्लिम वर्ग एकमुश्त होकर आ रहा है। इसलिए सपा को उन सीटों पर भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए, जहां मुस्लिम आबादी की बहुलता है। इन सीटों में मुरादाबाद, सहारनपुर आती हैं। इसके अलावा पूर्वांचल में मऊ और गाजीपुर जैसी सीटों पर भी कांग्रेस दावा ठोक सकती है।
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