वॉशिंगटन। रूस और यूक्रेन के बीच बीते करीब दो साल से जारी युद्ध के बीच अब कई देशों ने इस जंग से हाथ पीछे खींचने शुरू कर दिए हैं। यूरोपीय देशों के बाद अब अमेरिका में भी यूक्रेन को आर्थिक और सैन्य मदद पहुंचाने में अड़चन आ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन लगातार यूक्रेन को मदद भेजने का भरोसा देते रहे हैं। हालांकि, संसद में उनकी यह कोशिश रंग लाती नहीं दिख रही। सोमवार को बाइडन सरकार की ओर से यूक्रेन की मदद के लिए लाए गए सहायता पैकेज के प्रस्ताव पर सीनेट की मुहर नहीं लग पाई।
अमेरिकी सीनेट में सोमवार को सांसदों के बीच बॉर्डर सुरक्षा नीति पर चर्चा हुई। इसे लेकर डेमोक्रेट पार्टी और विपक्षी रिपब्लिकन के बीच लंबे समय से गतिरोध बना है। हालांकि, बाइडन सरकार इस बीच ही रिपब्लिकन पार्टी के विरोध की वजह से यूक्रेन को भेजी जाने वाली सहायता पर समझौते के लिए चर्चा प्रस्ताव लाई। 110 अरब डॉलर के इस पैकेज में यूक्रेन, इस्राइल और अन्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने का प्रस्ताव दिया गया। हालांकि, सांसदों ने कहा कि उनके पास आगे भी काफी काम है और इस पर चर्चा बाद में हो सकती है।
अभी यह साफ नहीं है कि सीनेट का सत्र कितने दिनों तक चल सकता है। सोमवार को भी 100 सदस्यों वाले इस सदन में आधे सांसद ही वोटिंग के लिए पहुंचे थे। इस बीच यूक्रेन के लिए आर्थिक पैकेज के रुकने से बाइडन सरकार की ओर से किए गए जेलेंस्की से किए गए वादों पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं, जिसके तहत यूक्रेन को मदद भेजी जानी थी। इतना ही नहीं सीनेट में आव्रजन और सीमा सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर गतिरोध की वजह से पैकेज के लंबे समय तक अटके रहने का अनुमान है।
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