नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर सोमवार (18 दिसंबर) को भी विपक्षी दल अपनी मांग को लेकर अड़े रहे. इसको लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. इस बीच लोकसभा स्पीकर ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत 30 सांसदों को लोकसभा के शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया. वहीं तीन सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है. 13 विपक्षी सांसदों को पहले ही पूरे सत्र से निलंबित किया जा चुका है.
अधीर रंजन चौधरी के अलावा, अपूर्वा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, मोहम्मद वसीर, जी सेलवम, सीएन अन्नादुरैय, डॉ टी सुमती, के नवासकानी, के वीरस्वामी, एनके प्रेमचंद्रन, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, असिथ कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, एनटो एंटनी, एस एस पलनामनिक्कम, तिरुवरुस्कर (Su. Thirunavukkarasar), प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, के मुरलीधरन, सुनील कुमार मंडल, एस राम लिंगम, के सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई और टीआर बालू को निलंबित किया गया.
ये 30 सांसद हंगामे के चलते सस्पेंड हुए हैं जबकि तीन के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया. दरअसल विपक्षी दल लगातार लोकसभा की सुरक्षा में सेंध के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में बयान देने की मांग कर रहे हैं.
अधीर रंजन चौधरी ने इस बीच कहा कि जो बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह टीवी में दे रहे हैं वो हम चाहते हैं कि सदन में दें. इसके अलावा देश और हमें बताएं कि सरकार आगे सदन की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाएगी.
इससे पहले भी लोकसभा से विपक्ष के 13 सांसदों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों के लिए निलंबित किया गया था. इसमें कांग्रेस के टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकोम टैगोर हैं. वहीं डीएमके के कनिमोई, माकपा के एस वेकटेशन और भाकपा के के. सु्ब्बारायन हैं.
वहीं टीएमसी के सदस्य डेरेक ओब्रायन को राज्यसभा से निलंबित किया गया है.
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