नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में सेंधमारी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें संसद सुरक्षा मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज के निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है. साथ ही इस पूरे मामले में एक SIT के गठन कर मामले की जांच मांग की गई है. बता दें कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में उस वक्त बड़ी चूक हुई थी, जब लोकसभा में दो संदिग्ध कूद गए थे. हालांकि, इसके बाद सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए अब तक छह लोगों- सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी, ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया है. उन पर कड़े गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों के सोशल मीडिया खातों और अब हटाए गए फेसबुक पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ के विवरण तक पहुंचने के लिए मेटा को पत्र लिखा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
‘भगत सिंह फैन क्लब’ के जरिये ही ये आरोपी एक-दूसरे के सम्पर्क में आए थे. पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पुलिस ने सभी आरोपियों के बैंक खाते का विवरण भी एकत्र किया है ताकि यह पता किया जा सके कि क्या उन्हें 13 दिसंबर की घटना को अंजाम देने के लिए किसी से पैसे मिले हैं. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस की विभिन्न टीम ने रविवार को आरोपियों के परिजनों से संपर्क किया और उनके बैंक खातों का विवरण इकट्ठा किया.
सूत्रों के अनुसार, नीलम देवी और सागर शर्मा की बैंक पासबुक क्रमशः हरियाणा के जींद और उत्तर प्रदेश के लखनऊ में उनके आवास से जब्त किये गये. दिल्ली पुलिस की ‘काउंटर इंटेलिजेंस’ इकाई ने आरोपी व्यक्तियों के सोशल मीडिया खाते तक पहुंचने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप के मालिक मेटा को लिखा है और फेसबुक पेज ‘भगत सिंह फैन पेज’ जैसे सदस्यों की संख्या आदि का विवरण मांगा है. यह पेज आरोपी द्वारा बनाया गया था और बाद में हटा दिया गया.
सूत्रों ने कहा कि मेटा से आरोपियों की व्हाट्सऐप चैट साझा करने का भी अनुरोध किया गया है, क्योंकि उनके मोबाइल फोन क्षतिग्रस्त हो गए हैं. पुलिस के अनुसार, संसद सुरक्षा चूक की साजिश के ‘साजिशकर्ता’ ललित झा ने राजस्थान के नागौर में अपना मोबाइल फोन फेंक दिया और अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन जला दिए. पुलिस के अनुसार, ललित घटना के बाद वहां भाग गया था. बाद में पुलिस ने झा की निशानदेही पर टूटे और जले हुए मोबाइल फोन के टुकड़े बरामद किए। इन हिस्सों को फोरेंसिक विभाग में यह पता करने के लिए भेजा गया है कि क्या इनसे डेटा रिकवर किया जा सकता है.
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