नई दिल्ली: भारत चीन और पाकिस्तान जैसे दो ऐसे पड़ोसियों से घिरा हुआ है जिनसे रिश्ते दशकों से तल्ख बने हुए हैं. इस बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शनिवार (16 दिसंबर) को इस बात के संकेत दिए हैं कि सीमा पर चुनौतियां कभी कम नहीं होंगी.
इसकी वजह के तौर पर उन्होंने सीमा पर उलझी हुई परिस्थितियों का जिक्र किया है. उन्होंने यह भी कहा कि हमें किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने के लिए खुद को ढालना होगा.
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाओं को ‘अप्रत्याशित की अपेक्षा करें’ की कहावत के अनुरूप खुद को ढालने की जरूरत है. उन्होंने भू-राजनीतिक परिदृश्यों और सुरक्षा चुनौतियों के बारे में सेना के जागरूक रहने की जरूरत पर भी जोर दिया.
नागपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि विरासत में मिली अस्थिर सीमाओं की चुनौतियां हमें उलझाना जारी रखेंगी. सेना प्रमुख जनरल पांडे की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के बीच आई है. इसीलिए इसे बेहद खास माना जा रहा है.
विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए जनरल पांडे ने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक तरीके से अधिकार को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है. उन्होंने कहा, ”अप्रत्याशित की अपेक्षा करना एक ऐसी चीज है जो हमारे लिए जरूरी है.”
सेना प्रमुख पांडे ने कहा, ”ब्लैक स्वान जैसी घटनाएं वैश्विक सुरक्षा के परिदृश्य में उथल-पुथल ला सकती हैं. रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास के बीच जारी संघर्ष के परिणाम अन्य देशों के बीच संबंधों को फिर से परिभाषित करेंगे, जो आने वाले दशकों में विश्व राजनीति को एक नया रूप देंगे”.
बता दें कि चीन से सटी भारत की सीमा पर दोनों ओर से गतिरोध जारी है. लद्दाख में एक बार फिर चीन ने सैन्य तैनाती बढ़ा दी है, जिसके बाद भारत ने भी सैनिकों की संख्या बढ़ायी है. पिछले कई वर्षों से चीन से सटी सीमा पर इस तरह के गतिरोध हो रहे हैं जिसे लेकर मनोज पांडे ने भारत की स्थिति बतायी है. उन्होंने स्पष्ट बताया कि इस तरह के गतिरोध वाले हालात भविष्य में भी कम होने के आसार नहीं हैं.
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