सूरत: दुनिया की रत्न राजधानी मानी जाने वाली सूरत को आज पीएम ने दो बड़ी सौगात दी है. पीएम मोदी ने रविवार को सूरत एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, इसके बाद दुनिया के सबसे बड़े कार्यालय भवन सूरत डायमंड बोर्स यानी एसडीबी देश को समर्पित किया. इस भवन की खासियत है कि इसने भारत को विश्व पटल पर सबसे आगे की श्रेणी में खड़ा करने की तरफ एक नया कदम बढ़ाने में अहम योगदान दिया है, क्योंकि इस भवन ने अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन को भी पीछे छोड़ दिया है.
सूरत डायमंड बोर्स यानी एसडीबी 67 लाख वर्ग फुट से ज्यादा क्षेत्र वाला दुनिया का सबसे बड़ा कार्यालय परिसर है, जो सूरत शहर के पास खजोद गांव में स्थित है. यह कच्चे और पॉलिश किए गए हीरों के साथ-साथ आभूषणों के व्यापार का एक वैश्विक केंद्र होगा. इसमें आयात और निर्यात के लिए एक अत्याधुनिक ‘कस्टम क्लीयरेंस हाउस’, रिटेल ज्वेलरी बिजनेस के लिए ज्वेलरी मॉल और अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और सुरक्षित वॉल्ट की सुविधा शामिल होगी.
एसडीबी के मीडिया संयोजक दिनेश नवादिया ने हाल में एक बयान में कहा था कि कई हीरा व्यापारियों ने पहले ही अपने ऑफिसिस का पजेशन ले लिया है जो नीलामी के बाद प्रबंधन ने आवंटित किए थे. इसमें मुंबई से आए कई व्यापारी भी शामिल हैं. यह भवन एसडीबी ‘डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल (ड्रीम) सिटी’ का हिस्सा हैं. गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने फरवरी 2015 में एसडीबी और ड्रीम सिटी परियोजना की नींव रखी थी.
15 मंजिला यह इमारत 35 एकड़ भूमि में फैली हुई है और इसमें नौ आयताकार संरचनाएं बनी हैं. जो एक केंद्र से आपस में जुड़ी हैं. इमारत का निर्माण चार साल में पूरा हुआ है. इस इमारत में नौ टावर होंगे जिसमें लगभग 4,500 ऑफिस होंगे जिसमें लगभग 65,000 से अधिक हीरा पेशेवर एक साथ काम कर सकेंगे.एक अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता के बाद भारतीय आर्किटेक्ट कंपनी मॉर्फोजेनेसिस ने इस इमारत का डिजाइन तैयार गया था.
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