इस बार कांग्रेस और भाजपा की राजनीति मालवा पर ही केन्द्रित
इन्दौर। प्रदेश के राजनीतिक इतिहास (History) में यह पहली ही बार है कि मुख्यमंत्री भी मालवा क्षेत्र से बना है और नेता प्रतिपक्ष (Leader of Oppsition) भी मालवा क्षेत्र से ही लिया गया है। दोनों ही अपनी-अपनी पार्टी की राजनीति की दूसरी पारी के खिलाड़ी हैं। प्रदेश की राजनीति भी अब मालवा के ईर्द-गिर्द ही रहने वाली है, क्योंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी (State Congress President Patwari) भी मालवा के ही हैं।
मालवा से मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने एक नया संदेश प्रदेश को दिया। साथ ही प्रदेश की पहली पंक्ति के नेताओं को दरकिनार कर दूसरी पंक्ति के नेता को फ्रंट लाइन पर लाकर उनके हाथ में प्रदेश की कमान सौंप दी है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि भाजपा की ये रणनीति आने वाले 2024 नहीं, बल्कि 2028 के विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में नया नेतृत्व तैयार करना है। दूसरी ओर कांग्रेस ने भी एक नया दांव खेला है और कांग्रेस की दूसरी लाइन के नेताओं को आगे लाकर प्रदेश की बागडौर उनके हाथों में सौंपी है। इंदौर यानि मालवा से ही जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हो गए हैं तो मालवा क्षेत्र के आदिवासी अंचल से उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष की जवाबदारी दी गई है। यानि सदन में अब मालवा के ही नेता आमने-सामने होंगे। उम्र में कोई ज्यादा अंतर नहीं होने से सदन में एक प्रतिस्पर्धा भी दिखाई देगी। तीन बड़े पद मालवा को मिलने के बाद भाजपा और कांग्रेस की राजनीति में जरूर उछाल आएगा।
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