कोलकाता । पश्चिम बंगाल में (In West Bengal) विपक्षी दलों (Opposition Parties) ने संसद की सुरक्षा में सेंध पर (On the Breach in Parliament Security) मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी पर (On Chief Minister Mamata Banerjee’s silence) सवाल उठाया (Questioned) ।
मास्टरमाइंड ललित झा के माओवादियों से संभावित संबंध भी जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गए हैं। भाजपा ने पहले ही वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस विधायक तापस रे के साथ झा की तस्वीर पोस्ट करके सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सहित वरिष्ठ भाजपा ने मुख्यमंत्री की चुप्पी को लेकर उन पर हमला बोला है, जबकि मालवीय ने कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी पार्टी के विधायक के साथ ललित झा के संबंध के बारे में चुप नहीं रह सकते हैं, अधिकारी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर राज्य में विभाजनकारी और अलगाववादी तत्वों को सीधे संरक्षण देने का आरोप लगाया।
हालांकि, पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष समेत तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया है कि भाजपा सुरक्षा में लापरवाही के मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उनके अनुसार, भाजपा अपने लोकसभा सदस्यों को भी बचाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने सुरक्षा उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों को पास जारी किए थे। इस बीच, वरिष्ठ सीपीआई (एम) नेता शमिक लाहिड़ी ने भी मुख्यमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया है, लेकिन एक अलग नजरिए से। उन्होंने कहा,“मुख्यमंत्री की चुप्पी भाजपा और आरएसएस के साथ उनकी गुप्त समझ से प्रेरित है। इसीलिए वह भी प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री की तरह इस मामले में चुप हैं।”
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सौम्या आइच रॉय ने कहा कि मुख्यमंत्री की पूरी तरह से चुप्पी वाकई आश्चर्यजनक है, खासकर तब जब मास्टरमाइंड का पश्चिम बंगाल से लिंक सामने आया है। आइच रॉय ने कहा,“एक तरफ वह दावा कर रही है कि वह विपक्षी भारतीय गुट में मुख्य भूमिका निभा रही है, साथ ही वह इस मामले में चुप हैं।”
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