कहा- इथेनॉल के लिए गन्ना रस पर बैन से खतरे में 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश
नई दिल्ली (New Delhi)। चीनी मिलों (sugar mills) के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) (Indian Sugar Mills Association (ISMA)) को देश में चीनी विपणन वर्ष 2023-24 में कुल 325 लाख टन चीनी का उत्पादन (Total production of 325 lakh tonnes of sugar) (इथेनॉल के लिए उपयोग के बिना) होने की उम्मीद, जबकि घरेलू खपत 285 लाख टन (Domestic consumption 285 lakh tonnes) रहने की अनुमान है। इस्मा ने कहा कि इथेनॉल बनाने के लिए गन्ना रस के उपयोग पर ‘अचानक’ प्रतिबंध से चीनी मिलों की क्षमता उपयोग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश खतरे में पड़ गया है।
उद्योग संगठन इस्मा ने शुक्रवार को कहा कि इथेनॉल बनाने के लिए गन्ना रस के उपयोग पर ‘अचानक’ प्रतिबंध से चीनी मिलों की क्षमता उपयोग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश खतरे में पड़ गया है। यह निवेश हरित ईंधन संयंत्र स्थापित करने के लिए पिछले तीन साल में लगाया गया है। उद्योग निकाय ने आशंका जताई है कि इससे गन्ना किसानों को भुगतान में देरी हो सकती है। इस्मा ने सरकार से मिल मालिकों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए चीनी के उप-उत्पाद बी-हैवी और सी-हैवी शीरे से बने इथेनॉल की कीमतों में जल्द संशोधन करने की मांग की है।
इस्मा के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने संगठन की 89वीं वार्षिक आम बैठक में कहा कि आपूर्ति वर्ष 2023-24 में इथेनॉल के लिए गन्ना रस या सिरप के उपयोग पर तत्काल प्रभाव से अचानक प्रतिबंध, चीनी उद्योग के लिए एक बड़ा प्रतिरोधक है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध ने उद्योग को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। झुनझुनवाला ने सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। झुनझुनवाला ने कहा कि बी-हैवी और सी-हैवी शीरे से बने इथेनॉल की कीमत को तुरंत संशोधित और घोषित करने की जरूरत है, ताकि इससे चीनी मिलों को हालिया प्रतिबंध से संभावित नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी।
झुनझुनवाला ने कहा कि चीनी विपणन वर्ष 2023-24 में कुल चीनी उत्पादन 325 लाख टन (एथनॉल के लिए उपयोग के बिना) होने की उम्मीद है, जबकि घरेलू खपत 285 लाख टन का अनुमान है। उन्होंने कहा कि चीनी विपणन वर्ष 2022-23 में भारत ने 64 लाख टन चीनी का निर्यात किया। उन्होंने कहा कि सरकार आपूर्ति वर्ष 2023-24 में इथेनॉल उत्पादन के लिए 17 लाख टन चीनी के अंतरण की अनुमति दे सकती है। झुनझुनवाला ने कहा कि इथेनॉल के लिए 17-20 लाख टन अतिरिक्त चीनी के इस्तेमाल की गुंजाइश है।
इस्मा अध्यक्ष ने कहा कि उद्योग ने इथेनॉल उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए पिछले तीन साल में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि यह बड़ा निवेश, जोखिम में है। झुनझुनवाल ने कहा कि इथेनॉल उत्पादन क्षमता तीन साल पहले 280 करोड़ लीटर से बढ़कर 766 करोड़ लीटर हो गई है। दरअसल आपूर्ति वर्ष 2022-23 (नवंबर से अक्टूबर) में पेट्रोल के साथ इथेनॉल का 12 फीसदी मिश्रण का स्तर हासिल किया है। उन्होंने कहा कि उद्योग की मांग बी-हैवी शीरे से बने इथेनॉल की कीमत 59 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 64 रुपये प्रति लीटर की है। इसके साथ ही सी-हैवी शीरे की दर 49 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 58-59 रुपये प्रति लीटर करने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने हाल ही में चीनी विपणन वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी उत्पादन में संभावित गिरावट के मद्देनजर इथेनॉल के लिए गन्ना रस के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से शुरू होकर सितंबर महीने तक चलता है।
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