नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Rajya Sabha MP Jairam Ramesh) ने केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब तक गृहमंत्री संसद की सुरक्षा में उल्लंघन पर बयान (Statement on breach in security of Parliament) नहीं देते, तब तक सदन नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि संसद चले और हम इसमें भाग लेना चाहते हैं, लेकिन गृहमंत्री सुरक्षा उल्लंघन पर बयान देने से भाग रहे हैं. यह इतना गंभीर मामला है कि संबंधित मंत्री को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. दुर्भाग्य से उन्होंने संसद के बाहर की घटना के बारे में मीडिया से बात की, लेकिन सदन के अंदर सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया.
जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा की क्या भूमिका है, जिन्होंने हमलावरों को पास जारी किए. उन्होंने कहा कि सोमवार को फिर से विपक्षी गठबंधन की सभी पार्टियां बैठक करेंगी और इस घटना पर सवाल पूछना जारी रखने का फैसला करेंगी. 13 दिसंबर को संसद पर हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा के उल्लंघन के तहत 2 लोग संसद के अंदर घुस गए थे और उन्होंने लोकसभा चैंबर में धुआं-धुआं कर दिया था. जबकि दो आरोपी संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह संसदीय परंपराओं की अवमानना है. साथ ही सवाल पूछा कि गृहमंत्री इस मामले पर बयान देने को तैयार क्यों नहीं हैं? वह संसद में सबसे गंभीर सुरक्षा उल्लंघन पर बयान क्यों नहीं दे सकते. ये सब ध्यान भटकाने वाली रणनीति है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा सरकार पर वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और आश्चर्य जताया कि गृहमंत्री सदन में बयान देने को तैयार क्यों नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इसमें मैसूरु के भाजपा सांसद की भूमिका थी जिन्होंने घुसपैठियों को विजिटर पास उपलब्ध कराए थे. उन्होंने कहा कि यह संसद की अवमानना है. यह संसदीय परंपराओं की अवमानना है. जब संसद का सत्र चल रहा हो तो मंत्री कभी भी गंभीर मुद्दों पर संसद के बाहर इतने बड़े बयान नहीं देते. वे संसद को विश्वास में लेते हैं.
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