इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) की राजनीति में इन दिनों लगातार खींचतान जारी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। दरअसल, तोशाखाना मामले (Toshakhana case) में खान की अंतरिम जमानत की याचिका (pre-arrest plea rejected) बुधावर को खारिज हो गई। पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने मामले में फैसला सुनाया है।
पहले फैसला सुरक्षित रखा, बाद में जानकारी दे दी
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने बुधवार को रावलपिंडी की अदियाला जेल में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो द्वारा दर्ज मामले की सुनवाई की। अदालती कार्यवाही के दौरान दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया और सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, शाम होते-होते एनएबी के उप अभियोजक जनरल मुजफ्फर अब्बासी मीडिया के सामने आए और उन्होंने बताया कि तोशाखाना मामले में खान की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। अब्बासी के मुताबिक, अब खान के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश होंगे। एनएबी गुरुवार को आरोपी की फिजिकल रिमांड की मांग करेगी।
जिस मामले में जेल में बंद, उसी मामले में फिर से आरोपी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक दिन पहले मंगलवार को एक विशेष अदालत ने एक बार फिर खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को सिफर मामले में कथित तौर पर देश की गुप्त जानकारियों को लीक करने और कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी माना है। बता दें, इमरान खान वर्तमान में इसी मामले में दोषी होने के चलते 26 सितंबर से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। अदियाला पाकिस्तान की उच्च सुरक्षा वाली जेलों में से एक है।
क्या होता है तोशाखाना?
दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।
अब जानिए, आखिर क्या है तोशाखाना मामला
कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।
खान ने कहा- मेरा गिफ्ट, कुछ भी करूं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं। पाकिस्तान की कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मामला सामने आने के बाद इमरान खान ने इसपर बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था कि ये गिफ्ट्स उन्हें निजी तौर पर मिले हैं। इसलिए उन्हें इसे अपने पास रखने का अधिकार है। हालांकि, बाद में उन्होंने तोशखाने मामले के सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
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