जेरुसलम (Jerusalem)। इस्राइल और हमास (Israel and Hamas War) के बीच युद्ध जारी है। युद्ध में अब तक 19 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच इस्राइल ने दृढ़ संकल्प की घोषणा (Israel announces determination) की। इस्राइल ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय समर्थन (International support) मिले या नहीं हम हमास के खिलाफ युद्ध जारी रखने के लिए संकल्पित हैं। बता दें, युद्ध पर लगाम लगाने के लिए कई देशों ने इस्राइल को समझाया है। एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति (American President) ने कड़े लहजे में कहा था कि इस्राइल के इतिहास की यह सबसे रूढ़िवादी सरकार है। इस्राइली प्रधानमंत्री अब दुनिया का समर्थन खो रहे हैं।
इस्राइल के 1200 तो फलस्तीन के 18 हजार से अधिक लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल के अधिकारी ने बताया कि हमास के साथ तीन महीने से युद्ध जारी है। युद्ध में हमारे 1200 से अधिक लोग खत्म हो गए हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध में अब तक 18,600 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है। मृतकों में अधिकांश बच्चे और महिलाएं हैं। इसी के साथ स्कूल और अस्पतालों को गाजा में भारी नुकसान पहुंचा है।
शरणार्थी कैंपों में भरा पानी
गाजा में इस्राइल के जमीनी और हवाई हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। गाजा शहर, खान यूनिस और राफा खासतौर पर इस्राइली सेना के निशाने पर है। ठंड के मौसम में हाल में ही हुई बारिश के कारण शरणार्थी परेशान हैं। उन्होंने प्लास्टिक के टेंट बनाए हैं, जो बारिश के पानी से भर गए हैं। युद्ध और घेराबंदी के कारण खाने-पीने और दवाईयों की कमी है। शरणार्थी अमीन ने बताया कि टेंट में पानी भर गया है। हम सो तक नहीं पा रहे। हम बारिश से बचने के लिए पत्थरों और रेत का इस्तेमाल कर रहे हैं।
यूएनजीए में प्रस्ताव पारित
एक दिन पहले, इस्राइल-हमास संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की आपात बैठक में गाजा में तत्काल युद्धविराम के लिए प्रस्ताव पेश किया गया था, जो कल ही पारित भी हो गया था। भारत सहित 153 देशों ने गाजा में युद्धविराम के पक्ष में मतदान किया। 10 सदस्यों ने इसका विरोध किया, जबकि 23 सदस्य अनुपस्थित रहे। युद्धविराम प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाले देशों में अमेरिका, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, ग्वाटेमाला, इस्राइल, लाइबेरिया, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी और परागुआ शामिल है।
इस्राइल ने प्रस्ताव को किया खारिज
यूएन में इस्राइली राजदूत गिलाद अर्दान ने कहा था कि गाजा में युद्धविराम हमास के आतंकवादी एजेंडे को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा है कि युद्ध रोकने से केवल हमास को फायदा होगा। आतंकवाद के शासन को जारी रखने और अपने शैतानी एजेंडे को साकार करने में कोई हमास की सहायता क्यों करना चाहेगा?
नेतन्याहू के खिलाफ बाइडन की तीखी टिप्पणी
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने मंगलवार को नेतन्याहू की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस्राइल की सुरक्षा अमेरिका पर निर्भर है। इस्राइल के साथ अभी अमेरिका है। इस्राइल के साथ यूरोपीय संघ है। इस्राइल के साथ अभी यूरोप है। इस्राइल के साथ अधिकांश देश हैं। लेकिन अब इस्राइल अंधाधुंध बमबारी के कारण सभी का समर्थन खो रहा है। गाजा अधिकारियों के अनुसार, हमास के हमलों के खिलाफ इस्राइल की जवाबी कार्रवाई में 18 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 50 हजार से अधिक फलस्तीनी नागरिक घायल है। गाजा में मानवीय संकट है।
इस दौरान, बाइडन ने इस्राइल के साथ एक निजी बातचीत का भी जिक्र किया। जिसमें इस्राइली नेता ने कहा कि आपने भी तो जर्मनी पर बमबारी की। आपने भी तो परमाणु गिराया। आपके हमलों में भी तो कई नागरिक मारे गए थे। इस्राइली नेता के इन सवालों का जवाब देते हुए बाइडन ने कहा कि हां इन्हीं वजह से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इन संस्थाओं को स्थापित किया गया था, जिससे यह सुनिश्चत किया जा सके कि भविष्य में दोबारा ऐसा कभी न हो, फिर कोई वही गलती न करे, जो हमने 9/11 या अफगानिस्तान में की।
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