नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में बुधवार को उस समय बड़ी चूक का मामला (case of major lapse in the security of Parliament) सामने आया, जब सदन की कार्यवाही के बीच दो लोग दर्शक दीर्घा से चैंबर में कूद गए. जांच में खुलासा हुआ है कि इस साजिश में कुल 6 लोग शामिल थे. इनमें से दो लोगों ने सदन के भीतर हंगामा किया, तो दो ने बाहर विरोध प्रदर्शन (protest outside) किया. इसके अलावा दो लोग फरार बताए जा रहे हैं. मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
गिरफ्तार किए गए चार लोगों में नीलम (Neelam) नाम की एक महिला भी शामिल हैं. अब नीलम की रिहाई को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) सामने आ गया है. इस मोर्चे ने नीलम की रिहाई की मांग करते हुए कहा है कि वह किसान प्रदर्शनों से जुड़ी रही हैं. किसान नेता ने कहा नीलम पहले किसान आंदोलन से जुड़ी रही है, हम सब उसके साथ है. उन्होंने कहा कि नीलम ने बेरोजगारी से ग्रस्त होकर संसद पर हमले का यह कदम उठाया है.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और किसान नेता आजाद पालवा इस बीच नीलम के घर भी पहुंचे. उन्होंने नीलम की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि वे इस संबंध में कल किसान संयुक्त मोर्चा की मीटिंग भी बुला रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर नीलम को जल्द रिहा नहीं किया गया तो बड़ा कदम उठाया जाएगा. इस साजिश में 6 लोग शामिल बताए जा रहे हैं. इनमें से पुलिस ने 4 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है, जबकि दो आरोपियों की तलाश जारी है. बताया जा रहा है.
ये सभी आरोपी दिल्ली के बाहर से आए थे, इसमें से 5 आरोपी गुरुग्राम में एक जगह पर रुके थे. ये आरोपी गुरुग्राम में ललित झा नाम के शख्स के घर पर रुके थे. संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले चारों आरोपियों को दिल्ली पुलिस संसद मार्ग पुलिस स्टेशन आई है. वहां, एंटी टेरर यूनिट स्पेशल और खुफिया एजेंसियां उनसे पूछताछ कर रहे हैं. शुरूआती जांच में ये बात सामने आई है कि संसद के बाहर से पकड़े गए नीलम और अमोल के पास मोबाइल फोन नहीं था. इनके पास किसी भी तरह का पहचान पत्र और बैग तक नहीं बरामद हुआ. दोनों ने किसी भी संगठन से संबंध होने से इंकार किया है. उनका दावा है कि वे खुद की मर्जी से ही संसद गए थे.
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