नई दिल्ली (New Delhi). केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) पर बड़ा अपडेट दिया है. सरकार में वित्त राज्य मंत्री पकंज चौधरी (Pankaj Chaudhary) ने संसद में बताया कि ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है. उन्होंने यह बयान सोमवार को लोकसभा में दिया था. सरकार की ओर से यह ऐसे समय में आई है जब आरबीआई की एक रिपोर्ट में राज्यों को पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए खिलाफ चेताया गया है.
पंकज चौधरी ने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली से संबंधित किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं हो रहा है लेकिन एनपीएस में किसी आवश्यक बदलाव के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति जरूर गठित की गई है. एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम 2004 से लागू है. 2003 में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया था. इसके बाद से ही सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन की वापसी की मांग कर रहे हैं.
राज्य कर चुके लागू
आपको बता दें कि 5 राज्य ऐसे हैं जिन्होंने केंद्र व वित्तीय विशेषज्ञों की राय से अलग जाकर पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है. यह राज्य पंजाब, हिमाचल, प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड हैं. वहीं, कर्नाटक भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने पर विचार कर रहा है.
क्या है पुरानी पेंशन स्कीम?
ओल्ड पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारियों से कोई अंशदान नहीं लिया जाता था और उनकी आखिरी सैलरी का आधा रिटायरमेंट के बाद पेंशन के तौर पर दिया जाता था. इस योजना में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी महंगाई भत्ते का लाभ मिलता है. जिस कार्यरत कर्मचारियों का डीए बढ़ता है, ओपीएस में उसी तरह डीआर यानी डियरनेस रिलीफ बढ़ता है. बिना किसी संचित फंड के पेंशन देना और उसके ऊपर से महंगाई भत्ता भी बढ़ाते रहना सरकार पर दोहरे भार की तरह होता है.
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