वाशिंगटन (Washington)। भारत (Indoa) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में उस मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जिसमें इजरायल-हमास संघर्ष (Israel–Hamas conflict) में तत्काल मानवीय युद्धविराम (Immediate humanitarian ceasefire.) के साथ-साथ सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग (Demand for unconditional release of all hostages) की गई थी. 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंगलवार को एक आपातकालीन विशेष सत्र में मिस्र द्वारा पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव को एडॉप्ट किया. यूएन के 153 सदस्य देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, वहीं 23 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और 10 देशों ने प्रस्ताव के विपक्ष में वोट किया।
अल्जीरिया, बहरीन, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीन ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई. अमेरिका, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, ग्वाटेमाला, इजरायल, लाइबेरिया, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी और परागुआ युद्ध विराम प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वाले देशों में शामिल रहे. प्रस्ताव में सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ-साथ मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने, सभी पक्षों द्वारा अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करने कही गई. विशेष रूप से नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में।
भारत ने युद्ध विराम के पक्ष में किया मतदान
भारत ने तत्काल मानवीय युद्धविराम के प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया. हालांकि, प्रस्ताव में हमास का नाम नहीं था. भारत अक्टूबर में महासभा में उस प्रस्ताव पर वोटिंग से अबसेंट रहा था, जिसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय युद्ध विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच का आह्वान किया गया था. जॉर्डन द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में पूरे गाजा पट्टी में नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के तत्काल, निरंतर, पर्याप्त और निर्बाध प्रावधान की भी मांग की गई थी।
यूएनजीए में मंगलवार को मतदान तब हुआ जब 15 देशों की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इजरायल-हमास संघर्ष पर एक आम प्रस्ताव अपनाने में विफल रही, जिसके बाद तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई थी. यूएनजीए के स्थायी सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस प्रस्ताव के खिलाफ अपने वीटो पॉवर का इस्तेमाल किया था. संयुक्त अरब अमीरात द्वारा पेश किए गए यूएनएससी प्रस्ताव को 90 से अधिक सदस्य देशों का समर्थन मिला, जिसके पक्ष में 13 वोट मिले, जबकि ब्रिटेन वोटिंग से अबसेंट रहा।
इजरायल हमास युद्ध में अब तक गईं 20 हजार से अधिक जानें
हमास और अन्य फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों द्वारा 7 अक्टूबर को किए गए आतंकवादी हमलों में 33 बच्चों सहित 1200 से अधिक इजरायली मारे गए थे. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक गाजा में कम से कम 18,205 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं, और लगभग 49,645 कथित तौर पर घायल हुए हैं।
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