चंडीगढ़ (Chandigarh)। केंद्र सरकार (Central government) पर वादाखिलाफी का आरोप (Allegation of breach of promise) लगाते हुए पंजाब के किसान संगठन (Farmers Organization of Punjab.) एक बार फिर बड़े आंदोलन की रूपरेखा (Outline of a larger movement.) तैयार करने लगे हैं। इस कड़ी में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और 18 किसान-मजदूर संगठनों ने आगामी दो जनवरी और छह जनवरी को पंजाब में दो बड़े विरोध प्रदर्शन का फैसला (Decision on two big protests) लिया। बैठक में किसान नेता दलजीत सिंह जीता फतवा, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, गुरिंदर सिंह भंगू, मनजीत सिंह नियाल और गुरुमीत सिंह ने भी हिस्सा लिया।
चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में उक्त किसान संगठनों की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने एलान किया कि दो जनवरी को अमृतसर के जंडियाला गुरु और 6 जनवरी को बरनाला में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ-साथ देशभर के किसान संगठन एक बार फिर से केंद्र सरकार के किसान और मजदूर विरोधी रुख के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जंडियाला गुरु और बरनाला में विरोध प्रदर्शनों के साथ इसकी शुरुआत की जा रही है, जिसके जरिए केंद्र के सामने किसानों और मजदूरों की मांगें रखी जाएंगी।
ये हैं प्रमुख मांगें
दोनों किसान नेताओं ने बताया कि जंडियाला गुरु और बरनाला में विरोध प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार के समक्ष, सभी फसलों के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाने और डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सी2 जमा 50 फीसदी फार्मूले को लागू करने, किसानों का सारा कर्ज माफ करने के अलावा दिल्ली आंदोलन की अधूरी मांगें भी रखी जाएंगी।
इसके अलावा लखीमपुर खीरी हत्याकांड, अजय मिश्रा को कैबिनेट से बर्खास्त करने और आशीष मिश्रा की जमानत रद करने की मांग भी उठाई जाएगी। साथ ही, दिल्ली आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे रद करने की मांग भी उठाई जाएगी।
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