उज्जैन। समर्थन मूल्य का गेहूँ खरीदने के बाद इस गेहूँ की किसी को चिंता नहीं होती है क्योंकि यह गेहूँ शासकीय रुपए देकर खरीदा जाता है। खरीदने के बाद फिर गेहूं चाहे चोरी हो या खुले में रखने के बाद खराब हो कोई परवाह नहीं। इस मामले में कोई जांच भी नहीं की जाती।
हर वर्ष अनुसार इस वर्ष भी उज्जैन जिले में करोड़ों रुपए का समर्थन मूल्य पर गेहूँ किसानों से खरीदा गया सुरक्षा के लिए तैनात शासकीय विभाग द्वारा वेयरहाउस में गेहूँ को रखवाया जाता है लेकिन समर्थन मूल्य का गेहूँ एक बार खरीदी करने के बाद एक तरह से लावारिस छोड़ दिया जाता है। उज्जैन में पिछले एक सप्ताह में लगभग तीन स्थानों पर समर्थन मूल्य के गेहूँ की चोरी हुई इस मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है लेकिन अभी तक किसी प्रकार की सफलता हाथ नहीं लगी है। ऐसा ही एक मामला समर्थन मूल्य के गेहूँ का सामने आया है जिसमें 3 वर्ष पहले खरीदा गया समर्थन मूल्य का सरकारी गेहूँ लापरवाही के चलते खुले में पड़ा रहा और अब यह लाखों रुपए का गेहूँ सड़ कर खराब हो गया है। उज्जैन जिले की इंगोरिया समिति द्वारा 3 वर्ष पहले खरीदा गया समर्थन मूल्य का गेहूँ जिसकी कीमत लाखों रुपए है यह गेहूँ बडऩगर रोड पर खुले में रखा गया था और इस पर प्लास्टिक की बरसाती ढांकी गई थी गेहूँ एक बार रखा तो फिर वहीं रखा रहा उसे उठाकर सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुंचाया गया। अब स्थिति यह है कि 3 वर्ष में यह गेहूँ पूरी तरह खराब हो चुका है और शासन को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
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