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    इंदौर से मंत्रिमंडल में किसका चेहरा शामिल होगा, इस पर अभी से चर्चा

  • December 11, 2023

    पुराने मंत्री रिपीट होंगे या नहीं, मेंदोला को 1 लाख से ज्यादा जीतने का पुरस्कार किस रूप में मिलेगा, महिला मंत्री को लेकर मालिनी और उषा में भी मुकाबला

    इंदौर। संजीव मालवीय, आज शाम तक तय हो जाएगा कि मध्यप्रदेश ()MP की कमान किसके हाथों में होगी। इसके साथ ही मंत्रिमंडल में इंदौर से शामिल होने वाले नामों को लेकर भी चर्चा चल पड़ी है। पिछली बार दो मंत्री इंदौर (Indore) जिले से थे और दोनों ही ग्रामीण इलाकों से आते थे। हालांकि इनमें से उषा ठाकुर धार लोकसभा के कोटे से थीं तो तुलसी सिलावट इंदौर से थे। इस बार सस्पेंस बना हुआ है कि मंत्रिमंडल में महिला चेहरे के रूप में किसे लिया जाएगा और इंदौर से किसे मौका मिलेगा, क्योंकि दावेदारों में कई चेहरे ऐसे हैं, जिनका मंत्रिमंडल में हक बनता है।


    कैलाश विजयवर्गीय फिलहाल मुख्यमंत्री की दौड़ में हैं और उनके नाम पर भी शाम तक सस्पेंस खत्म हो जाएगा। कल शाम जब वे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मिलने पहुंचे तो राजनीतिक पंडितों के कान खड़े हो गए। भोपाल से लेकर इंदौर तक इस मुलाकात के कई मायने निकाले जाने लगे। अगर विजयवर्गीय का नाम मुख्यमंत्री के रूप में नहीं रखा जाता है तो उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। फिलहाल शाम तक इस चर्चा के परिणाम भी सामने आ जाएंगे। वहीं मंत्रिमंडल के लिए भी कुछ नए चेहरे ऐसे हैं, जिन्होंने इंदौर में रिकार्ड बनाया है और अगर पुराने मंत्रियों को रिपीट नहीं किया जाता है तो ये नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। चूंकि गोलू श़ुक्ला और मधु वर्मा पहली बार के विधायक हैं, इसलिए वे मंत्री पद तक तो नहीं जा सकते।

    रमेश मेंदोला
    2 नंबर से विधायक रमेश मेंदोला ने हमेशा से जीत का रिकार्ड बनाया है और इस बार तो पूरे मध्यप्रदेश में 1 लाख 7 हजार 47 वोट से विजयी हुए हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान खुद तीसरे नंबर पर रहे हैं और दूसरे नंबर पर भोपाल से कृष्णा गौर रही हैं। मेंदोला लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। 2008 से उनका कब्जा इस सीट पर लगातार बरकरार है। मेंदोला को ऐतिहासिक मतों से जीतने का पुरस्कार दिया जाता है तो उनका मंत्री बनना तय है।

    मालिनी गौड़
    महिला कोटे से इस बार मालिनी गौड़ का दावा मजबूत है। चार नंबर विधानसभा से वे लगातार चौथी बार विधायक चुनी गई हैं। हालांकि इस सीट पर 1993 से लगातार गौड़ परिवार का कब्जा रहा है। इस बार गौड़ ने भी करीब 69 हजार वोट से अपनी सीट पर पताका फहराई है, जो अब तक का रिकार्ड है। गौड़ समर्थक भी मांग कर रहे हैं कि गौड़ को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए। हालांकि गौड़ शिवराजसिंह चौहान के खेमे की मानी जाती हैं और चौहान अगर चाहेंगे तो वे मंत्री बन जाएंगी।

    महेंद्र हार्डिया
    विधायक महेंद्र हार्डिया इंदौर में सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। हार्डिया को लगातार पांच बार से टिकट मिला और वे पांचों बार विजयी हुए हंै। इस बार उनकी लगातार पांचवीं जीत है। उन्होंने कांग्रेस के आल इंडिया सचिव सत्यनारायण पटेल को इस बार फिर हराया है। हार्डिया एक बार स्वास्थ्य राज्यमंत्री रह चुके हैं। हार्डिया का दावा भी मंत्रिमंडल में नजर आ रहा है। इस बार विरोध के बाद भी हार्डिया को मुख्यमंत्री की विशेष रुचि के चलते टिकट मिल गया और वे जीत गए।

    उषा ठाकुर
    पिछली बार सरकार में धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री रही उषा ठाकुर इस बार मंत्री बनेंगी या नहीं इसमें सस्पेंस बना हुआ है। ठाकुर इस बार बहुत ही कम वोटों से चुनाव जीती हैं। महिला कोटे से मालिनी गौड़ भी इस बार दावेदार हैं। हालांकि दोनों ही विधायक मुख्यमंत्री के नजदीकियों में मानी जाती हैं। चौहान के सामने भी विडंबना है कि वे दोनों में से किसे मंत्री बनाएं। वैसे ठाकुर को धार लोकसभा के तहत आने वाले महू विधानसभा क्षेत्र के कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है।

    मनोज पटेल
    पिछला चुनाव हारे मनोज पटेल इस बार फिर कांग्रेस के विशाल पटेल से चुनाव जीत चुके हैं। मुख्यमंत्री खेमे से आने वाले पटेल के पिता स्व. निर्भयसिंह पटेल प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। वैसे मनोज तीसरी बार विधायक बने हैं, लेकिन उनका दावा इतना मजबूत नहीं है, क्योंकि एक-एक बार वे बीच में हार भी चुके हैं। वैसे उनके समर्थकों का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस की सीट छिनकर भाजपा की झोली में डाली है, इसलिए उन्हें भी मंत्रिमंडल में स्थान मिलना चाहिए।

    तुलसी सिलावट
    तुलसी सिलावट का मंत्री बनना तय है। उपचुनाव के बाद उन्हें भाजपा सरकार में मंत्री बनाया गया था। चूंकि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के हैं, इसलिए मालवा क्षेत्र में उन्हें मंत्री बनाया जाना जरूरी भी है। मालवा क्षेत्र से ही राज्यवर्धनसिंह दत्तीगांव चुनाव हार चुके हैं, ऐसे में उनका दावा मालवा क्षेत्र से मजबूत है। इस बार वे चाह रहे हैं कि उनके विभाग में फेरबदल हो। सिलावट शिवराज सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं और उसके पहले कांग्रेस सरकार में वे खाद्य मंत्री रहे थे।

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