इंदौर। पुलिस की दोषपूर्ण शिनाख्ती की कार्रवाई के चलते फिरौती के लिए सात साल के बच्चे के अपहरण के सभी छह आरोपी कोर्ट से छूट गए। 14 अप्रैल 2016 को खजराना क्षेत्र में स्कीम 134 निवासी बिल्डिंग मटेरियल व किराना का काम करने वाले कैलाश गुर्जर का सात वर्षीय पुत्र विनायक अपनी बड़ी बहन प्रज्ञा (13) और मैथिली (11) के साथ चाट खाने गया था। करीब 7.15 बजे तीनों घर लौट रहे थे, तभी बाइक पर आए दो युवक विनायक का अपहरण कर ले गए।
इस बीच बहन प्रज्ञा ने एक बदमाश को पकडऩे का प्रयास किया, लेकिन बदमाश ने उसे धक्का देकर गिरा दिया। रातभर बालक को एक मकान में बंधक बनाकर रखने के बाद आरोपी उसे दूसरे दिन उसके घर के पीछे की गली में छोडक़र भाग गए। बाद में पुलिस ने अपहरण से जुड़े छह आरोपी अरुण, रवि, जितेंद्र, तेजसिंह, शुभम और अजय को गिरफ्तार किया। लगभग सात साल चले केस के बाद चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश जगजीतसिंह ने कहा कि आरोपीगण की पहचान संदेह से परे प्रमाणित नहीं है। जेल में कराई गई शिनाख्ती में आरोपीगण की पहचान का कोई महत्व नहीं रह जाता है।
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