पेरिस (Paris)। इस्राइल-हमास (Israel-Hamas war) के बीच जारी जंग को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो चला है। दोनों के बीच जंग लगातार जारी है। हालांकि इस अवधि में बीच में एक समय ऐसा भी आया था जब दोनों के बीच संघर्ष विराम (Ceasefire) हुआ। हालांकि, करीब एक सप्ताह के बाद यह खत्म हो गया और दोनों के बीच हमले फिर शुरू (attacks started again) हो गए।
इन दोनों की जंग के बीच लाल सागर (Red Sea) युद्द के एक नए अड्डे (A new base battle) के रूप में सामने आया है। यहां अमेरिका के बाद ताजा मामला फ्रांस के युद्धपोत हमले किया गया है। इस हमले के आरोप यमन पर लगे हैं। यमन ने दो ड्रोन के जरिए फ्रांसीसी युद्धपोत पर हमला किया। हालांकि उन्हें नष्ट कर दिया गया। फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी है।
समुद्री हमलों की श्रंखला का किया दावा
यमन में ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने लाल सागर में चल रहे जहाजों को निशाना बनाने की कसम खाई है। हौथी इस्राइल के कट्टर दुश्मन हैं। उन्होंने 7 अक्तूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा इस्राइल पर किए गए हमले के बाद से समुद्री हमलों की एक श्रृंखला का दावा किया है, जिसने उनके नवीनतम और सबसे घातक युद्ध को जन्म दिया है।
फ्रांसीसी नौसेना के मिशन हैं
फ्रांस के सेना मंत्रालय ने कहा कि ड्रोन यमन की दिशा से दो घंटे की दूरी पर लैंगेडोक पर सीधे आए। इस दौरान युद्धपोत ने यमनी तट पर अल हुदायदाह के लाल सागर बंदरगाह से लगभग 110 किलोमीटर (70 मील) दूर उन दोनों को नष्ट कर दिया। बयान में यह नहीं बताया गया कि लैंगेडोक ने ड्रोन को गिराने के लिए किस हथियार का इस्तेमाल किया। यह युद्धपोत लाल सागर में फ्रांसीसी नौसेना के मिशन पर है।
अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत पर भी हुआ था हमला
इससे पहले लाल सागर में ही अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत को भी निशाना बनाया गया था। यहां युद्धपोत सहित कई मालवाही जहाजों पर हमले हुए थे। हमले की चपेट में दो इस्राइली मालवाही जहाजों के आने की सूचना है। दोनों इस्राइली जहाजों पर हमले की जिम्मेदारी ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों ने ली है लेकिन अमेरिकी युद्धपोत के बारे में विद्रोहियों के प्रवक्ता ने कुछ नहीं कहा है। जिस स्थान पर हमले हुए हैं वह यमन के नजदीक है।
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