नई दिल्ली (New Dehli)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council)में मुस्लिम देशों के द्वारा एक प्रस्ताव (Proposal)लाया गया, जिसमें गाजा (Gaza)में तत्काल युद्धविराम (armistice)की मांग की गई थी। हालांकि, अमेरिका ने अपने वीटो का इस्तेमाल कर इसे रोक दिया। 13 सदस्यों ने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा लाए गए मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। वहीं, ब्रिटेन मतदान से अनुपस्थित रहा। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी उप राजदूत ने कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने से हमास को शासन जारी रखने और अगले युद्ध के लिए एक नया बीज बोने की अनुमति मिलेगी। उन्होंने इजरायल में हमास के हमलों की निंदा करने में विफलता और इजराइल के खुद की रक्षा करने के अधिकार को स्वीकार करने के लिए भी UNSC की आलोचना की।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने वुड के हवाले से कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका एक स्थायी शांति का दृढ़ता से समर्थन करता है, जिसमें इजरायल और फिलिस्तीनी दोनों शांति और सुरक्षा में रह सकते हैं। हम इस प्रस्ताव के एक अस्थिर युद्धविराम के आह्वान का समर्थन नहीं करते हैं जो केवल अगले युद्ध के लिए बीज बोएगा।”
वोटिंग के बाद इजरायल के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत गिलाद एर्दान ने अपने देश के उस रुख को दोहराया जिसमें कहता है कि युद्धविराम केवल सभी बंधकों की वापसी और हमास के विनाश के साथ ही संभव होगा। वहीं, अधिकांश देशों ने गाजा में इजरायली बमबारी को तत्काल रोकने के पक्ष में रुख अपनाया।
फिलिस्तीन के लिए संयुक्त राष्ट्र के दूत रियाद मंसूर ने सुरक्षा परिषद को बताया कि वोट का परिणाम विनाशकारी था। उन्होंने कहा, “लाखों फिलिस्तीनी जीवन अधर में लटके हुए हैं। उनमें से हर एक पवित्र है और बचाने लायक है।”
यूएई के उप संयुक्त राष्ट्र राजदूत मोहम्मद अबूशाहब ने सुरक्षा परिषद से पूछा, “अगर हम गाजा पर लगातार बमबारी रोकने के आह्वान के पीछे एकजुट नहीं हो सकते तो हम फिलिस्तीनियों को क्या संदेश दे रहे हैं?”
मतदान से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद को 7 अक्टूबर से शुरू हुए दो महीने लंबे युद्ध से वैश्विक खतरे की चेतावनी दी थी। गुटेरेस ने बताया, “नागरिकों की कोई प्रभावी सुरक्षा नहीं है। गाजा के लोगों को मानव पिनबॉल की तरह चलने के लिए कहा जा रहा है। जीवित रहने के लिए किसी भी तरह की बुनियादी सुविधा नहीं है। गाजा में कहीं भी घूमना सुरक्षित नहीं है।”
हमास ने अमेरिकी वीटो की निंदा की
फिलिस्तीनी समूह हमास ने प्रस्ताव को वीटो करने के अमेरिका के फैसले की निंदा की है। एक आधिकारिक बयान में हमास ने कहा कि समूह वाशिंगटन के कदम को अनैतिक और अमानवीय मानता है। हमास ने कहा, “संघर्षविराम प्रस्ताव जारी करने में अमेरिकी बाधा हमारे लोगों की हत्या और अधिक नरसंहार के साथ प्रत्यक्ष भागीदारी है।”
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