नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central government) ने साइबर फ्रॉड पर शिकंजा (Crackdown on cyber fraud) कंसने के लिए एक बड़ा कदम उठाया. सरकार ने 100 वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया (Blocked 100 websites) है. ये वेबसाइट्स मुख्य रूप से फेक जॉब का लालच देकर लोगों को ठगने काम कर रही थीं. ये वेबसाइट पार्ट टाइम जॉब्स (part time jobs) या फिर बड़े ही चालाकी से लोगों को इनवेस्टमेंट प्लान (investment plan) बताते है और हाई रिटर्न का लालच देकर उनसे लाखों रुपये लूट लेते हैं. कई केस में यह रकम करोड़ों रुपये है.
इन वेबसाइट्स को मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनि्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नीलॉजी (MeitY) ने ब्लॉक किया है. इन वेबसाइट्स को ब्लॉक करने की सलाह नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिसिस यूनिट (NCTAU) ने दी थी, जो मिनिस्ट्री ऑफ अफेयर्स के तहत काम करती है. NCTAU ने बीते सप्ताह करीब 100 वेबसाइट्स को बंद करने की सलाह दी थी, वे वेबसाइट फेक टास्क बेस्ड पार्ट टाइम नौकरी के काम देती थीं. साथ ही वह पार्ट टाइम जॉब का लालच देकर लोगों को ठगने का काम करती थीं.
दरअसल, साइबर फ्रॉड में लोगों को टारगेट करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन दिया जाता है. विज्ञापन के लिए गूगल और मेटा का इस्तेमाल होता है. इसके लिए साइबर ठग कुछ खास कीवर्ड का यूज़ करते हैं. ये खास शब्द हैं, घर बैठे जॉब, घर बैठे कमाई कैसे करें. इस प्रकार के विज्ञापन अलग-अलग भाषाओं में तैयार किए जाते हैं और लोगों को ठगने का काम किया जाता है. इन विज्ञापन की मदद से स्कैमर्स अक्सर रिटायर कर्मचारी, महिलाएं, बेरोजगार और युवाओं को टागरेट करने का काम करते हैं.
एक बार विज्ञापन पर क्लिक कर दिया तो उसके बाद एक एजेंट वॉट्सऐप या फिर टेलीग्राम के जरिए आपसे बात करना शुरू करेगा. इसमें वह आपको कमाई का बहुत ही सिंपल तरीका बताएगा, जिसमें यूजर्स को सिंपल सा टास्क कंप्लीट करना होगा. लगभग सभी टास्क मोबाइल से ही कंप्लीट करने होते हैं. साइबर फ्रॉड यूजर्स को कई तरह के टास्क दे सकते हैं. इसमें फेसबुक या इंस्टाग्राम के पेज को लाइक करने को कहते हैं, या फिर होटेल व रेस्टोरेंट को रेटिंग देने का काम बताते हैं. कई केस में शुरुआत में विक्टिम को कुछ रुपये रिटर्न के रूप में रुपये भी मिलते हैं. एक बार भरोसा जीतने के बाद साइबर फ्रॉड विक्टिम के बैंक अकाउंट तक को खाली कर देते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved