नई दिल्ली (New Delhi) । तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा (Trinamool Congress MP Mahua Moitra) के रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा (Lok Sabha) की आचार समिति (ethics Committee) आज सदन में रिपोर्ट पेश करेगी। रिपोर्ट पेश होने के बाद महुआ के खिलाफ निष्कासन प्रस्ताव लाने की भी तैयारी है। रिपोर्ट में न सिर्फ महुआ की सदस्यता निरस्त करने की, बल्कि उनके कृत्यों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए इसकी जांच भी कराने की सिफारिश की गई है।
व्हिप जारी…भाजपा सांसदों को उपस्थित रहने के निर्देश
गौरतलब है कि आचार समिति की रिपोर्ट को शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कार्यसूची में शामिल किया गया था। लेकिन इसे पेश नहीं किया गया। लोकसभा सचिवालय द्वारा शुक्रवार के लिए जारी कामकाज की संशोधित सूची में आचार समिति की रिपोर्ट को एजेंडा आइटम नंबर 7 के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। सूत्रों ने कहा, अब रिपोर्ट शुक्रवार को पेश की जाएगी। उधर, रिपोर्ट पेश होने और विपक्ष के मतविभाजन की मांग के मद्देनजर भाजपा ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
लोकसभा में रिपोर्ट पर चर्चा के बाद अगर सदन समिति की सिफारिश के पक्ष में वोट करता है तो मोइत्रा की सांसदी चली गई है। विभिन्न विपक्षी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया है कि मोइत्रा पर निर्णय लेने से पहले सिफारिशों पर चर्चा होनी चाहिए। बसपा सांसद दानिश अली ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि अगर लोकसभा में रिपोर्ट पेश की जाती है, तो हम विस्तृत चर्चा पर जोर देंगे क्योंकि मसौदा ढाई मिनट में अपनाया गया था।
500 पेज की रिपोर्ट कई अहम सिफारिशें
समिति ने 500 पेज की रिपोर्ट बनाई है। इसमें संसद की गरिमा को बचाने व राष्ट्रीय सुरक्षा को महत्व देने के लिए कई अहम सिफारिश की गई हैं। महुआ पर रिश्वत ले कर अदाणी समूह के खिलाफ कारोबारी हीरानंदानी को लाभ पहुंचाने के लिए सवाल पूछने के आरोप हैं। खुद महुआ ने स्वीकार किया था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के पोर्टल से जुड़ी अपनी आईडी-पासवर्ड साझा किए थे। हीरानंदानी ने महुआ को रिश्वत देने की बात स्वीकारी थी।
गौरतलब है कि नौ नवंबर को एक बैठक में भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट अपनाई थी। कांग्रेस सांसद परनीत कौर सहित समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था। जबकि विपक्षी दलों से जुड़े समिति के चार सदस्यों ने असहमति नोट प्रस्तुत किए थे। विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट को ‘फिक्स्ड मैच’ करार दिया है और कहा कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर शिकायत (जिसकी समिति ने समीक्षा की) के समर्थन में कुछ भी सबूत पेश नहीं किया गया।
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