नई दिल्ली (New Delhi) । दुनिया के सबसे बड़े रईस अरबपति एलन मस्क (elon musk) की टेस्ला (Tesla) भारत (India) में एंट्री की कोशिश कर रही है। एलन मस्क की इस कोशिश को रतन टाटा (Ratan Tata) की कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) झटका दे सकती है। जानकारी के मुताबिक टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% इंपोर्ट टैक्स कम नहीं करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों पर दबाव बना रही है। रिपोर्ट के मुताबिक टाटा मोटर्स घरेलू उद्योग और उसके निवेशकों की सुरक्षा के लिए अधिकारियों पर दबाव डाल रही है।
क्या है वजह
दरअसल, सरकार टेस्ला की भारतीय बाजार में प्रवेश करने की योजनाओं की समीक्षा कर रही है। टेस्ला ने भारत में कारखाना स्थापित करने का भी प्रस्ताव दिया है लेकिन इलेक्ट्रिक कारों के लिए कम इंपोर्ट टैक्स की भी मांग कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत कुछ स्थानीय विनिर्माण के लिए प्रतिबद्ध कंपनियों के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पर इंपोर्ट टैक्स को कम से कम 15% तक कम करने की एक नई नीति पर काम कर रहा है। यह नीति टेस्ला के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय और अन्य विभागों के साथ बैठकों में टाटा ने इस योजना का विरोध किया है। हालांकि, टाटा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया। टाटा यह भी तर्क दे रहा है कि भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के कारोबार को बढ़ावा देने की जरूरत है।
टाटा ने कब ली एंट्री
भारत के सबसे बड़े कार निर्माताओं में से एक टाटा ने 2019 में अपना इलेक्ट्रिक व्हीकल्स व्यवसाय शुरू किया। निजी इक्विटी फर्म टीपीजी और अबू धाबी राज्य की होल्डिंग कंपनी एडीक्यू ने 2021 में टाटा की इस कंपनी में 1 बिलियन डॉलर का निवेश किया। इस कारोबार का मूल्य लगभग 9 बिलियन डॉलर था।
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