नई दिल्ली: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए जाने की खबरें आई थीं, हालांकि पार्टी ने इससे इनकार किया है. सामने आया था कि पार्टी हाईकमान जल्द ही नये अध्यक्ष पर फैसला करेगा. हालांकि मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम भी रहे कमलनाथ का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे दिए जाने की आशंका लगातार जताई जा रही है.
उन्होंने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मंगलवार शाम को मुलाकात की थी. ये बैठक खड़गे के आवास पर हुई. मीटिंग में एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल भी शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक बैठक के बाद आलाकमान ने मध्य प्रदेश में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए कमलनाथ को निर्देश दिए थे. बीजेपी ने मध्य प्रदेश में बंपर जीत हासिल की है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने सूबे की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस ने 66 सीटों पर ही सिमट गई. राज्य में 17 नवंबर को चुनाव हुए थे, जबकि परिणामों का ऐलान 3 दिसंबर को किया गया था.
दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सलाह दी थी कि वे हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हार से निराश न हों, बल्कि कमर कस लें और लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करें. पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश करते हुए कमलनाथ ने आपातकाल के बाद 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार को याद किया, जब इंदिरा गांधी और संजय गांधी जैसे दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा था और कैसे पार्टी ने वापसी की और तीन बार प्रभावशाली जीत दर्ज की.
चुनाव में मिली हार के बाद कमलनाथ ने कहा था कि हम इस लोकतांत्रिक प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश के मतदाताओं के जनादेश को स्वीकार करते हैं. हम विपक्ष की भूमिका निभाएंगे. कांग्रेस के दिग्गज नेता ने भाजपा को उनकी प्रचंड जीत के लिए बधाई भी दी. कमलनाथ ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि वे उन लोगों की जिम्मेदारियों को पूरा करेंगे जिन्होंने उन्हें यह जनादेश दिया है.
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