नई दिल्ली: बीते 10 महीने गौतम अडानी (Gautam Adani) का सफर बिल्कुल आसान नहीं रहा. मार्च के शुरुआत में अडानी की दौलत सिर्फ 37.7 अरब डॉलर पर आ गई थी. किसने सोचा था कि दिसंबर के शुरू होते ही बड़े-बड़े अरबपतियों के सिंहासन हिलने शुरू हो जाएंगे. जिसकी शुरुआत भारत और एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी से होगी. अब अडानी अमीरों की सूची में 14वें पायदान पर आकर खड़े हो गए हैं. इसका मतलब है कि मुकेश अंबानी से बिल्कुल पीछे. दौलत में भी ज्यादा अंतर नहीं रह गया है.
दोनों के बीच करीब 6 अरब डॉलर यानी करीब 50 हजार करोड़ का ही डिफ्रेंस हैं. अगर अडानी इस कुर्सी को हासिल कर लेते हैं तो उसके बाद टॉप टेन में आना उनके लिए बड़ी बात नहीं होगी. उसके बाद उनके निशाने पर मार्क जुकरबर्ग से लेकर वॉरेन बफे और स्टीव बॉल्मर होंगे. गौतम अडानी की पसर्नल नेटवर्थ बढ़कर 86.2 बिलियन डॉलर हो गई है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स में अडानी एक पायदान ऊपर चढ़कर 14वें स्थान पर पहुंच गए. अब मुकेश अंबानी से सिर्फ एक कदम पीछे हैं, जो दुनिया के 13वें सबसे अमीर कारोबारी हैं.
अडानी की कुल संपत्ति एक ही दिन में 3.71 अरब डॉलर बढ़ी है. जबकि तीन दिनों में 16 अरब डॉलर की भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. इस बीच, 7 दिसंबर, 2023 तक अंबानी की कुल संपत्ति 92.4 अरब डॉलर पर आ गई है. अंबानी की संपत्ति में एक दिन में 1.01 बिलियन डॉलर का इजाफा देखने को मिला है. साल-दर-तारीख के आधार पर, उनकी नेटवर्थ में 5.34 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद स्टॉक में गिरावट के कारण उनकी पर्सनल वेल्थ में गिरावट आई थी. अब भी उनकी दौलत पहली जनवरी के मुकाबले 34.3 बिलियन डॉलर कम है.
पिछले 9 दिनों में अडानी की संपत्ति में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. उनकी दौलत में इजाफा सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी के बाद शुरू हुआ. जिसमें कोर्ट ने कहा कि कि उसके पास ग्रुप के खिलाफ सेबी की जांच को “बदनाम” करने का कोई कारण नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने 28 नवंबर को सुनवाई के समापन के बाद अडानी-हिंडनबर्ग विवाद से संबंधित याचिकाओं के एक बैच पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. उसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे प्रमुख हिंदी पट्टी के राज्यों के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत हुई. जिसके बाद शेयर बाजार अच्छा रिस्पांस किया और अडानी की कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला. जिसकी वजह से अडानी की दौलत में भी इजाफा हुआ.
मंगलवार को, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में उछाल का एक और ट्रिगर मिला. ये ट्रिगर अमेरिकी एजेंसी के अधिकारी उस बयान से मिला जिसमें उसने बताया कि अडानी की कंपनी को लोन देने से पहले कंपनी की जांच पड़ताल की थी. हिंडनबर्ग रिसर्च के सभी आरोप निराधार हैं. अमेरिकी एजेंसी ने हाल ही में श्रीलंका में ग्रुप के बंदरगाह कारोबार के लिए 553 डॉलर की फंडिंग की घोषणा की थी. इस खबर ने उनके एक दिन के बाजार प्रदर्शन को बेहतर बना दिया, जिससे ग्रुप के मार्केट कैप में 1.93 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ और बुधवार को कुल मार्केट कैप 14 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया.
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार पहले तीन स्थान पर एलन मस्क (223 बिलियन डॉलर), बर्नार्ड अरनॉल्ट (170 बिलियन डॉलर) और जेफ बेजोस (169 बिलियन डॉलर) का कब्जा है. अर्नाल्ट ने बेजोस को दूसरे स्थान से हटा दिया है. वहीं ब्लूमबर्ग की लिस्ट में अंबानी और अडानी के अलावा 20 और भारतीय अरबपति शामिल हैं. जिसमें शापूर मिस्त्री, शिव नादर, सावित्री जिंदल, अजीम प्रेमजी, राधाकिशन दमानी और उदय कोटक आदि हैं. इन भारतीयों की दौलत भी अरबों में हैं.
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