नई दिल्लीः चक्रवाती तूफान मिचौंग के कारण तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के साथ-साथ अन्य जिलों में जमकर बारिश हुई, जिसके कारण सड़कें और घर जलमग्न हो गए. बिजली संकट की समस्या तक पैदा हो गई. वैसे तो मिचौंग अब कमजोर पड़ गया है लेकिन मिचौंग का असर अभी तक कई जिलों और इलाकों में दिख रहा है.
चेन्नई और उसके उपनगरों के कुछ हिस्सों में लोग अभी भी रुके हुए पानी और बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. इस बीच राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं. वहीं आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए गुरुवार को तमिलनाडु का दौरा करने वाले हैं.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने भीषण बाढ़ के कारण चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू के सभी स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टियां गुरुवार तक बढ़ा दी हैं. पल्लावरम, तांबरम, वंडालूर, थिरुपोरूर, चेंगलपट्टू और थिरुकाझुकुंड्रम में शैक्षणिक संस्थान आज बंद रहेंगे.
भीषण बाढ़ के कारण पूरे चेन्नई के निवासियों को दूध, पीने के पानी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, बाढ़ के चलते इन सभी चीजों की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है. वहीं लोगों के बेवजद खरीदारी के चलते भी दैनिक आवश्यक वस्तुओं की कमी का संकट और गहरा गया है.
अनुमान है कि चक्रवात से पहले हुई मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ में 17 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से अधिक मौत चेन्नई में हुई है. चेन्नई में व्यापक बाढ़ के बीच बचावकर्मियों ने लोगों को उनके घरों से बाहर निकालने के लिए इन्फ्लेटेबल राफ्ट और रस्सियों का इस्तेमाल किया. पानी से घिरे इलाकों में लोगों ने मदद की गुहार लगाई, जिसमें लोगों को ऊंचे स्थानों पर ले जाने के लिए अधिक नावें भी लगाई गईं.
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