नई दिल्ली (New Dehli) । पाकिस्तान (Pakistan)में हाल के कुछ महीनों (months)में भारत के दुश्मनों (enemies)को मौत के घाट उतारा (put to death)जा रहा है। अज्ञात लोगों ने तीन दिन पहले कराची में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर और पिछले कुछ वर्षों में घाटी में सुरक्षा बलों के काफिलों पर सिलसिलेवार हमलों के साजिशकर्ता अदनान अहमद उर्फ अबू हंजला की गोली मारकर हत्या कर दी। हंजला को उन हमलावरों ने बहुत करीब से सिर, छाती और पेट में कई बार गोली मारी। आईएसआई ने उसे दो-स्तरीय सुरक्षा दी थी। इसके बावजूद उसकी हत्या हो गई।
लश्कर-ए-तैयबा समर्थक टेलीग्राम अकाउंट द्वारा सीसीटीवी फुटेज और तस्वीरें जारी की गई है। इसमें एक वैन में हंजला का गोलियों से छलनी शव दिखाया गया है। रात में उसके घर के बाहर बंदूकधारियों ने उसे निशाना बनाया। इसके बाद उसे अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इसे आतंकी हमला करार दिया है।
हंजला इस साल पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहस्यमय हत्याओं में मरने वाले आतंकियों में सबसे बड़ा नाम है। उसने 25 जून, 2016 को पंपोर (जम्मू-कश्मीर) में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमले की साजिश रची थी। उस हमले में आठ जवान शहीद हो गए थे। 22 घायल हुए थे।
भारत की ‘वांटेड लिस्ट’ में शामिल एक और आतंकवादी की पाकिस्तान में हुई हत्या को लेकर चर्चा हो रही। हंजला को 24×7 मल्टी-लेयर सुरक्षा दी गई थी। इसके बाद भी उसे मार गिराया गया। हंजला की हत्या लश्कर के दो अन्य प्रमुख चेहरों के रहस्यमय तरीके से मारे जाने के एक महीने बाद हुई है। अज्ञात लोगों ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में लश्कर कमांडर अकरम गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में 2018 सुंजवान आतंकी हमले के मास्टरमाइंडों में से एक ख्वाजा शाहिद की हत्या कर दी गई थी। उसका नियंत्रण रेखा के पास कटा हुआ सिर मिला था।
हंजला ने 2015 में उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हमले की भी साजिश रची थी, जिसमें दो बीएसएफ कर्मी शहीद हो गए थे और 13 घायल हो गए थे। एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने टीओआई को बताया, “पंपोर आतंकी हमले की जांच एनआईए द्वारा की गई थी और अदनान और अन्य के खिलाफ 6 अगस्त 2015 को आरोप पत्र दायर किया गया था।”
महत्वपूर्ण बात यह है कि पंपोर हमले की योजना लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के दामाद खालिद वलीद ने बनाई थी। उसके दो साथी हंजला और साजिद जाट आतंकवादियों को संभाल रहे थे। सूत्रों ने कहा कि हंजला ने उरी और पुंछ सेक्टरों के मार्गों का उपयोग करके नियंत्रण रेखा पार व्यापार के माध्यम से घाटी में सक्रिय आतंकवादियों और ओवर-ग्राउंड कार्यकर्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान की।
हंजला को भारत के खिलाफ बड़े जिहादी हमलों के लिए उनकी तैयारी का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किए गए छोटे आतंकवादी हमलों में भाग लेने के बाद ही युवाओं को शामिल करने के लिए जाना जाता था। सितंबर में पीओके के रावलकोट में अल कुद्दूस मस्जिद के बाहर लश्कर के शीर्ष कमांडर रियाज अहमद की हत्या कर दी गई थी। वह लश्कर के संचालन और भर्ती की जिम्मेदारी भी संभाल रहा था।
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