इंदौर (Indore)। बीते अनेक वर्षों से इंदौर में कांग्रेस सभी प्रमुख चुनाव लगातार हारती रही है। लोकसभा का चुनाव तो पिछले 35 सालों से कांग्रेस ने नहीं जीता तो 20 सालों से महापौर का चुनाव भी हार रही है। वहीं इस बार तो विधानसभा चुनाव में उसका सूपड़ा ही साफ हो गया और सभी 9 उम्मीदवारों को करारी हार का सामना करना पड़ा। अब हरल्ली कांग्रेस के पास अगले चुनावों के लिए उम्मीदवारों का ही टोटा रहेगा और 6 महीने बाद होने वाला लोकसभा का बड़ा चुनाव भी कौन लड़ेगा।
हालांकि कांग्रेस महापौर और विधायक के चुनाव हारे उम्मीदवारों को लोकसभा का चुनाव भी लड़वाती रही, लेकिन एक-एक कर सभी को हार का सामना करना पड़ा। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उम्मीद थी कि उसके 3 से 4 उम्मीदवार जीतकर आएंगे, लेकिन सभी 9 उम्मीदवारों को ही हार का मुंह देखना पड़ा। यहां तक कि ताकतवर माने जा रहे जीतू पटवारी, विशाल पटेल, सत्यनारायण पटेल के साथ-साथ युवा पिंटू जोशी की भी जीत की उम्मीद थी। अब लाख टके का सवाल कांग्रेसी खेमे में यह पूछा जा रहा है कि लोकसभा का चुनाव कौन लड़ेगा, क्योंकि पिछला चुनाव ही साढ़े 5 लाख वोट से कांग्रेस उम्मीदवार ने हारा था। संजय शुक्ला भी चुनाव हार गए, जिन्होंने पिछला महापौर का चुनाव भी लड़ा था। यानी अब हरल्ली कांग्रेस के पास सारे ही थके-मांदे और जनता द्वारा नकारे, यानी हारे हुए उम्मीदवार ही बचे हैं, जिसके चलते लोकसभा चुनाव में भी इन्हीं में से किसी एक की बलि चढ़ाई जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved