नई दिल्ली। भारत के साथ लगने वाली सीमा वाले देशों से अप्रैल, 2020 से अब तक लगभग एक लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रस्ताव भारत को मिले हैं। इनमें से करीब 50,000 करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है। बाकी निवेश प्रस्ताव या तो लंबित हैं या उन्हें वापस ले लिया गया है या अस्वीकार कर दिया गया है। इन पड़ोसी देशों से आए निवेश प्रस्ताव सुरक्षा एजेंसियों और कुछ मंत्रालयों के पास लंबित हैं।
भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों में चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान हैं। सरकार ने कोरोना के बाद घरेलू कंपनियों के अधिग्रहण को रोकने के लिए अप्रैल, 2020 में भारत के साथ इन देशों से विदेशी निवेश के लिए पूर्व-मंजूरी को जरूरी कर दिया था।
चीन से आए सबसे ज्यादा प्रस्ताव
अप्रैल, 2020 से सितंबर, 2023 तक चीन से 2.5 अरब डॉलर का एफडीआई आया है। जिन क्षेत्रों के लिए ये आवेदन आए थे, उनमें भारी मशीनरी, ऑटोमोबाइल, ऑटो कलपुर्जों का विनिर्माण शामिल था। साथ ही, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, लाइट इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल का व्यापार, ई-कॉमर्स और विनिर्माण के लिए भी प्रस्ताव आए थे।
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