आज 3 दिसंबर को चार राज्यो एमपी(Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में चुनावी नतीजा आना है। यहाँ सबसे पहले पोस्टल बैलट पेपर की गिनती की जाएगी, बाद में करीब 8.30 के बाद विधानसभा चुनाव के रुझान आने शुरू हो जाएंगे।
देश के दूसरे बड़े प्रदेश, मध्य प्रदेश की 230 में कांग्रेस 57 और भारतीय जनता पार्टी ( BJP)53 और अन्य 3 सीटों पर आगे चल रही है।
वही राजस्थान की 60 सीटों पर आए रुझान में भाजपा को बढ़त मिली है।जबकि, कांग्रेस 50 सीटों पर बढ़त के साथ दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस (Congress) 29 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, भाजपा 30 पर आगे है। तेलंगाना में भी कांग्रेस को शुरुआती बढ़त मिली है और पार्टी 26 सीटों पर आगे है। यहां बीआरएस को 22, एआईएमआईएम को 1 और अन्य को 4 सीट पर बढ़त मिली है।
बता दें मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार को राज्य में कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलती दिख रही है। बीते विधानसभा चुनाव 2018 में यहां कांग्रेस ने 230 में से 116 सीटों पर जीत हासिल कर कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। तब सीएम कमलनाथ को बनाया गया था। हालांकि, 2020 में फ्लोर टेस्ट में फेल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी और भाजपा ने वापसी की थी।
हिंदी पट्टी के एक और अहम राज्य राजस्थान में जनता को भाजपा बनाम कांग्रेस का खास नजारा देखने को मिलेगा। सत्ता परिवर्तन के रिवाज के चर्चित इस राज्य में अभी कांग्रेस की सरकार है, जिसके मुखिया सीएम अशोक गहलोत हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 सीटें हासिल कर बहुमत की सरकार बनाई थी। जबकि, भाजपा 73 पर सिमट गई थी।
90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का कब्जा है। वहीं, भाजपा इस बार बड़ी जीत का दावा कर रही है। 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा को सिर्फ 15 सीटें ही मिल सकी थीं। जबकि, कांग्रेस ने 68 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। खास बात है कि भाजपा ने अब तक सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया और कांग्रेस सीएम भूपेश बघेल के नाम पर ही भरोसा जता रही है।
2014 में अस्तित्व में आए तेलंगाना में अब तक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की सरकार रही है। इस बार उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति यानी BRS (पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति) हैट्रिक की कोशिश में है। वहीं, एग्जिट पोल संकेत दे रहे हैं कि राज्य में कांग्रेस इस बार केसीआर को कड़ी टक्कर दे सकती है। इसके अलावा यहां मैदान में असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और भाजपा भी हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में 119 में से टीआरएस को 88 सीटें मिली थी। तब कांग्रेस 21 सीटें ही हासिल कर सकी थी और भाजपा को एक ही सीट मिली थी।
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