अंतिम क्षणों में भी परिणामों को लेकर कयास जारी… एग्जिट पोल पर लोगों का विश्वास नहीं…
इंदौर में 5-4 का अनुपात रह सकता है भाजपा और कांग्रेस का, महू और सांवेर में भी टक्कर…
इंदौर। आज जब तक आपके हाथ में अखबार पहुंचेगा, उसके 24 घंटे बाद प्रदेश और बाकी अन्य 3 प्रदेशों में सत्ता पर कौन काबिज होगा, उसके रूझान आना शुरू हो जाएंगे, लेकिन जिस तरह से एग्जिट पोल (exit poll) आए हैं, उससे प्रदेश में मुकाबला भाजपा जीत रही है, लेकिन कुछ अन्य पोल में मुकाबला तगड़ा बताया जा रहा है। इंदौर जिले की बात की जाए तो इस बार कांग्रेस की झोली में दो सीटें बढ़ती और भाजपा से दो सीटें छिनती नजर आ रही हैं। 2 और 4 में भाजपा अपने मुकाबले किसी को मान नहीं रही है। वैसे सांवेर और महू में भी जीत के आसार है, लेकिन महू में त्रिकोणीय तो सांवेर में रीना बोरासी ने चुनाव का माहौल बदल दिया था, इसलिए इन दोनों सीटों को लेकर भी अंदर ही अंदर नेक फाइट मानी जा रही है।
इंदौर जिले में 9 सीटें हैं और इनका अनुपात देखा जाए तो 6 सीटें भाजपा के खाते में हैं और 3 कांग्रेस के। यानि अभी 6-3 का अनुपात है, जो 2018 के चुनाव में 5-4 का था। तुलसी सिलावट के भाजपा में आने के बाद ये आंकड़ा 6-3 का हो गया है। अब एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि इंदौर में नया आंकड़ा क्या होगा। एग्जिट पोल आने के बाद इंदौर में सर्वाधिक चर्चाओं का बाजार गर्म है। सभी राजनीतिक ठीयो, पान की दुकानों माहेल्लों और चौराहों पर एक ही चर्चा है कि इंदौर में कौन जीत रहा है और कौन हार रहा है। हालांकि कल इस समय तक बहुत कुछ रूझान सामने आ चुके होंगे।
इंदौर 1 की बात करें तो यहां टक्कर का मुकाबला माना जा रहा है। संजय शुक्ला और कैलाश विजयवर्गीय के बीच यहां कड़ा मुकाबला हुआ है। कांग्रेसी इस मुकाबले में शुक्ला की फिर से जीत बता रहे हैं तो विजयवर्गीय समर्थकों को विश्वास है कि जिस तरह से मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा है, उसको लेकर भाजपा यहां बहुमत से जीत रही है और यह सीट भाजपा की झोली में लेकर आ रहे हैं। दोनों के दावे मजबूत है, लेकिन इसे कांटे का मुकाबला माना जा रहा है।
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