नई दिल्ली (New Delhi)। कतर में जासूसी के इल्जाम (Espionage allegations in Qatar) में मौत की सजा पाए 8 भारतीयों (8 Indians got death sentence) के मामले पर नेवी चीफ एडमिरल आर. हरि कुमार (Navy Chief Admiral R. Hari Kumar) ने बताया कि उन पूर्व नौसैनिकों को वापस लाने के लिए सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पूरा प्रयास और समर्थन किया जा रहा है।
नौसेना के आठ पूर्व अफसरों को इस साल 26 अक्टूबर को कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने इस फैसले को हैरान करने वाला बताया था. भारतीयों को मौत की सजा सुनाए जाने के खिलाफ अपील पहले ही दायर की जा चुकी है, जिसे अदालत ने मंजूर भी कर लिया है।
इस मामले पर सवाल का जवाब देते हुए नेवी चीफ ने बताया कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं उन भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
अल-दहरा नाम की कंपनी में काम करने वाले आठ भारतीयों को कथित जासूसी के आरोप में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. इस साल 25 मार्च को आठों भारतीयों पर आरोप तय किए गए थे और 26 अक्टूबर को उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।
नौसेना के इन सभी पूर्व अफसरों ने 20 साल तक सेवा दी थी. नेवी में रहते हुए उनका कार्यकाल बेदाग रहा है और अहम पदों पर रहे हैं. मई में अल-दहरा ने दोहा में अपना काम बंद कर दिया था. इस कंपनी में लगभग 75 भारतीय नागरिक काम करते थे, जिनमें ज्यादातर नौसेना के पूर्व अफसर थे. कंपनी बंद होने के बाद इन सभी भारतीयों को नौकरी से निकाल दिया गया था।
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल 25 अक्टूबर को मीतू भार्गव नाम की महिला ने ट्वीट कर बताया था कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर 57 दिन से कतर की राजधानी दोहा में गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में हैं. मीतू भार्गव कमांडर पूर्णेंदु तिवारी की बहन हैं. इन अफसरों पर कथित तौर पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है. कतर की न्यूज वेबसाइट अल-जजीरा के रिपोर्ट के मुताबिक, इन अफसरों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियां इजरायल को देने का आरोप है।
हालांकि, कतर सरकार की ओर से इन पूर्व अफसरों पर लगाए गए आरोपों को लेकर कुछ खास जानकारी भारत सरकार के साझा नहीं की गई है. नौसेना से रिटायर्ड ये सभी अफसर दोहा स्थित अल-दहरा कंपनी में काम करते थे. ये कंपनी टेक्नोलॉजी और कंसल्टेसी सर्विस प्रोवाइड करती थी. साथ ही कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और सामान भी मुहैया कराती थी. इस कंपनी को ओमान की वायुसेना से रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमीस अल आजमी चलाते थे. पिछले साल उन्हें भी इन भारतीयों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, नवंबर में उन्हें रिहा कर दिया गया था।
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