नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) उनकी नौसेना को पहचानने के लिए कई देशों द्वारा मनाया जाता है। यह भारत (India) में हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (India Pakistan war) के दौरान ऑपरेशन ट्राइडेंट (operation trident) के शुरू होने की याद में। ऑपरेशन ट्राइडेंट क्षेत्र में एंटी-शिप मिसाइलों (anti-ship missiles) के पहले उपयोग में उभरा था। 1971 में पाकिस्तान के साथ हुई लड़ाई में भारतीय नौसेना ने 4 दिसंबर को ऑपरेशन ट्राइडेंट की शुरुआत की थी। 4 और 5 दिसंबर की रात को ऑपरेशन ट्राइडेंट को अंजाम दिया गया था। भारतीय नौसेना ने कराची में पाकिस्तान नौसेना मुख्यालय पर हमला किया था। इस दौरान पाकिस्तान की नौसेना को भारी नुकसान पहुंचा था।
Indian Navy Day: देश की रक्षा के लिए देश के हर नागरिक को सेना में जाने की इच्छा होती है. समय-समय पर सेनाओं में काम करने के लिए भर्तियां निकलती हैं हमारी देश की कोई भी सेना किसी से कम नहीं है. लेकिन आज का दिन कुछ खास है, आज नौसेना सेना दिवस के मौके पर जानते हैं कि कैसे आप नौसेना में करियर बना सकते हैं. इसके अलावा यहां जानते हैं कि नौसेना क्यों मनाया जाता है.
नेवी में बन सकते हैं अधिकारी
नेवी में शामिल होने के लिए युवाओं को अन्य फोर्सेज की तरह ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. नेवी में अधिकारी के पद पर भर्ती से जुड़े विज्ञापन रोजगार समाचार और प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार पत्रों/दैनिक पत्रों में प्रकाशित किया जाता है. एनडीए/एनए कैडेट भर्ती और सीडीएसई (ग्रेजुएट) भर्ती के लिए उम्मीदवारों का चयन यूपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षा के जरिए किया जाता है. इस परीक्षा में पास होने के बाद उम्मीदवार का एसएसबी होता है.
बहुत से युवा यूपीएससी के माध्यम से नेवी में जाने के सपने को पूरा करते हैं. अगर आप भी नेवी में अफसर के तौर पर काम करना चाहते हैं तो आप कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जामिनेशन, नेशनल डिफेंस अकादमी, नेवल एकेडमी और एनसीसी के तहत जॉब पा सकते हैं. इसके अलावा नेवी में कई अन्य पद पर भी भर्ती की जाती है. जिनके लिए उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं.
इसलिए मनाया जाता है नेवी डे
नेवी डे नौसेनिकों के सम्मान में आयोजित किया जाता है. इस दिन वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन ट्राइडेंट के लॉन्च की याद में मनाया जाता है. इस दिन भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले नौ-सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है.
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