कोरबा: जिले के सरहदी इलाके में स्थित विजय वेस्ट कोयला खदान के समीप करीब एक एकड़ जमीन पांच फीट नीचे धंस गई. भूस्खलन के बाद से ग्रामीण दहशत में हैं. उन्हें आए दिन होने वाली घटना से अनहोनी की चिंता सता रही है. खास बात तो यह है कि जिस क्षेत्र में धसने की घटना हुई है. यदि घटना दिन के समय घटित होती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी.
कटघोरा वनमंडल में लंबे समय से हाथियों का अलग-अलग झुंड डेरा डाले हुआ है. यह झुंड आए दिन आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचकर खड़ी फसलों को निवाला बना रहे हैं. हाथियों के हमले से जानमाल का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. हाथी की समस्या से जुझ रहे सरहदी क्षेत्र में रहवासियों के सामने दोहरी समस्या खड़ी हो गई है.
पोंड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले पुटी पखना में चिरमिरी क्षेत्र से संचालित विजय वेस्ट भूमिगत कोयला खदान स्थित है. रानी अटारी विजय वेस्ट कोयला खदान के पास ही ग्राम बीजाडांड़ स्थित है. जहां रहने वाले कुछ ग्रामीण जंगल की ओर गए हुए थे. इसी दौरान नजारा देख उनके होश उड़ गए. दरअसल, करीब एक एकड़ जमीन पांच फीट नीचे धंसी हुई थी, जिससे ग्रामीण वाकिफ नहीं थे. भूस्खलन की खबर देखते ही देखते आसपास के क्षेत्र में फैल गई.
वन्य प्राणियों को हो रही परेशानी
पसान क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों की मानें तो जंगल में वन्य जीव स्वच्छंद विचरण करते हैं. खदान के आसपास लगातार भूस्खलन की घटना घटित होने से उनका जीवन भी सांसत में आ गया है. वन्य प्राणियों को भोजन व पानी के लिए आबादी या फिर दीगर क्षेत्र के जंगल की ओर कूच करना पड़ रहा है. वहीं, अचानक जमीन के धंसने से पालतू और वन्यजीवों के नीचे फंसने का खतरा बढ़ गया है.
पंडो बस्ती में भी हुई थी घटना
विजय वेस्ट खदान से करीब एक किलोमीटर दूर पंडो जनजाति के लोग निवास करते हैं. बीते दिनों इस बस्ती के समीप भी जमीन धसने की घटना घटित हुई थी. जमीन करीब पांच फीट नीचे धंस गई थी. सुखद पहलू तो यह है कि घटना रात के समय घटित हुई, यदि दिन के समय घटना घटती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी.
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