वाशिंगटन (Washington) । संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने फिलिस्तीनी (palestinian) लोगों के प्रति भारत (India) के समर्थन को दोहराया। उन्होंने कहा कि इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध में बड़े पैमाने पर निर्दोष नागरिकों की जान का नुकसान किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है। कंबोज ने कहा कि दुनिया 29 नवंबर को फिलिस्तीनी लोगों के साथ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता दिवस मना रही है, हम भी उन्हें लगातार राहत सामग्री भेज रहे हैं, मदद रुकनी नहीं चाहिए।
रुचिरा कंबोज ने कहा, “हम आज ऐसे समय में एकत्र हुए हैं जब मध्य पूर्व में चल रहे इजरायल-हमास युद्ध के कारण सुरक्षा स्थिति बिगड़ रही है। बड़े पैमाने पर आम नागरिक विशेषकर महिलाओं और बच्चों की मौतें हो रही हैं। यह एक खतरनाक मानवीय संकट है, जो किसी भी सूरत में अस्वीकार्य है। हम वास्तव में नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा करते हैं।”
फिलिस्तीनियों की मदद का स्वागत
भारतीय प्रतिनिधि ने युद्ध के चलते तनाव कम करने और फिलिस्तीनी लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का स्वागत किया। कंबोज ने कहा कि यह अच्छा कदम है क्योंकि इससे फिलिस्तीनियों को समय पर और निरंतर सहायता मिल रही है। हमने अपनी ओर से 70 टन मानवीय सामान भेजा है, जिसमें 16.5 टन दवाएं और चिकित्सा आपूर्ति शामिल हैं।
बंधकों की रिहाई पर क्या कहा
आतंकवाद और लोगों को बंधक बनाने की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कंबोज ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई किसी भी सूरत में उचित नहीं ठहराई जा सकती। उन्होंने बंधकों की बिना शर्त रिहाई का आग्रह किया। इस बात पर भी जोर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ हमेशा खड़ा रहेगा लेकिन, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने से भी पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने कहा, “मैं यह जोड़ना चाहूंगी कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद से, पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रभावित क्षेत्र और अन्य नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं और उन्होंने इसमें युद्ध रोकने और लगातार मानवीय सहायता की दिशा में कदम उठाया है।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, हमास ने अब तक 81 इजरायली बंधकों को रिहा किया है। जबकि, इजरायल ने सीजफायर के दौरान 180 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर चुका है। यह छठा दिन है, जब पिछले 7 हफ्तों से जारी यु्द्ध पर विराम लगा है। अकेले गाजा पट्टी में इस कत्लेआम में 15 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved