नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttrakhand) के उत्तरकाशी (Uttarkashi) में सिलक्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में फंसे 41 मजदूरों को बचाने की कवायद के बीच एक बड़ी टेंशन सामने आई है. उत्तरकाशी में मजदूरों को बचाने के रास्ते में अब मौसम दुश्मन बनकर खड़ा हो गया है. एक ओर जहां 41 मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम लगातार मेहनत कर रही है और ड्रिलिंग कर रही है, वहीं अब कुदरत उसकी मेहनत पर पानी फेरने में जुट गई है. दरअसल, उत्तरकाशी में बारिश शुरू हो गई है और ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हो सकता है. हालांकि, राहत की बात यह भी है कि आज रात तक मजदूरों को निकालने की प्रक्रिया पूरी हो सकती है.
मौसम विभाग की मानें तो आज उत्तरकाशी में न केवल बारिश होगी, बल्कि बर्फबारी भी होगी. आईएमडी ने मौसम बुलेटिन में ही 27 और 28 नवंबर को उत्तरकाशी, चमोली समेत कई हिस्सों में बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया था. उत्तरकाशी में हो रही हल्की बारिश के बीच एक और बड़ी खबर यह है कि आज रात तक ड्रिलिंग काम पूरा हो सकता है, क्योंकि अब मजदूरों और रेस्क्यू टीम के बीच में करीब 5 मीटर का ही फासला बच गया है.
टनल में अब केवल 5 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग काम बाकी है, उसके बाद 41 मजदूर पहाड़ का सीनी चीरकर बाहर आएंगे और अपने परिवार से मिलेंगे. बताया जा रहा है कि मजदूरों के लिए कपड़े तैयार रखने का निर्देश दिया गया है. इतना ही नहीं, टनल के बाहर एंबुलेंस की तैनाती कर दी गई है. साथ ही मजदूरों के परिवारों को भी तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. रेस्क्यू करने के बाद मजदूरों को अस्पताल ले जाया जाएगा. बता दें कि मौसम विभाग ने 28 नवंबर को उत्तरकाशी में बारिश की संभावना व्यक्त की थी.
दरअसल, उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में है और टनल के ठीक सामने अब ग्रीन कॉरिडोर का पहला चरण शुरू होता दिखाई दे रहा है. टनल के बाहर जहां एंबुलेंस पहुंचेंगे, वहां रास्ता ठीक किया जा रहा है. मिट्टी और पत्थर डालकर रास्ता ठीक किया जा रहा है. एनडीआरएफ के जवान भी अब रेस्क्यू के अंतिम चरण में अपनी भूमिका के लिए पूरी तरह तैयार हैं. मतलब यह कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द पूरा होगा और इसी रास्ते से अब ग्रीन कॉरिडोर के जरिए एंबुलेंस से 41 मजदूरों को ले जाया जाएगा.
गौरतलब है कि 12 नवंबर को उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से वहां 41 मजदूर फंस गए थे. उन्हें निकालने के लिए पिछले 17 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, जिसमें एनडीआरएफ से लेकर कई एजेंसियां लगी हुई हैं. ऑगर मशीन के खराब होने के बाद अब मैनुअल ड्रिलिंग हो रही है. मैनुअल ड्रिलिंग से 50 मीटर का फासला तय कर लिया गया है और अब महज 5 मीटर की दूरी पर मजदूर हैं. उम्मीद की जा रही है कि आज रात तक ड्रिलिंग का काम पूरा हो जाएगा और किसी भी वक्त पहाड़ का सीना चीरकर मजदूर बाहर निकल सकते हैं.
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