इंदौर (Indore)। 3 दिसम्बर को मतदाताओं के फैसले के आधार पर प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला गढ़ा जाएगा। इस फैसले के बाद कहां कौन सरकार बनाएगा, कौन विरोधी पक्ष के रूप में खड़ा रहेगा तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए कलेक्टर से लेकर कर्मचारियों तक को परेशानियों से बचने के लिए नवाचार की तैयारी की गई है। प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों को मतगणना कराने वाले कर्मचारियों की तर्ज पर ही ट्रेंड किया जाएगा, ताकि विवादास्पद परिस्थितियों और आपत्तियों में कमी लाई जा सके।
मतगणना की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मतगणना स्थल पर विभिन्न तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रत्येक विधानसभावार कमरों को अधिक सुविधाजनक बनाया जा रहा है। जल्द से जल्द फैसले की घोषणा की जा सके, इसके लिए स्क्रीन की व्यवस्था भी की गई है। चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच विवादास्पद परिस्थितियों और आपत्तियों में कमी लाने के लिए कलेक्टर इलैया राजा टी ने अभिनव पहल की है। प्रत्येक विधानसभावार प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों को मतगणना की प्रक्रिया भी सिखाई जाएगी, जिसके लिए कर्मचारियों को ट्रेंड करने वाले मास्टर ट्रेनर ही ट्रेनिंग देंगे।
सी-थ्री का फार्मूला लगाया
कलेक्टर इलैया राजा टी द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार काउंटिंग के पहले से ही सी-थ्री का फार्मूला अपनाया जाएगा। तीन दिन पहले से ही प्रत्याशियों को न केवल मतगणना की जानकारी दी जाएगी, बल्कि विधानसभावार बूथों पर नजर रखने के लिए बैठने वाले प्रतिनिधियों के परिचय पत्र भी बनाए जाएंगे, जिसके लिए प्रत्याशियों को सूचित कर जल्द से जल्द अपने कार्यकर्ताओं की सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। प्रत्येक विधानसभा के आरएओ अपने-अपने क्षेत्र के प्रत्याशी प्रतिनिधि से जान-पहचान करेंगे।
हॉल में जाने से लेकर नियम समझाने तक
कलेक्टर ने विधानसभावार सेक्टर अधिकारियों सहित रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अपने क्षेत्र के सभी प्रतिनिधियों से परिचय प्राप्त करें और उन्हें अपना फोन नंबर देने के साथ-साथ नियम भी समझाएं। काउंटिंग हॉल में जाने और कोई आपत्ति होने पर आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया भी समझाएं, ताकि काउंटिंग के दौरान विवादित परिस्थितियों को पहले ही टाला जा सके। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार तय किए गए नियमों की जानकारी भी दी जाएगी। इसके लिए प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों को प्रेक्टिकल नालेज भी ट्रेनिंग के दौरान दिया जाएगा। ज्ञात हो कि काउंटिंग के दौरान कई बार किसी प्रक्रिया में आपत्ति होने पर प्रतिनिधियों द्वारा आक्रोशित होकर विरोध दर्ज कराया जाता है और इसके चलते कर्मचारियों और एजेंटों के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होती है, जिससे मतगणना की गति में भी रुकावट पैदा होती है। इससे बचने के लिए इस बार कलेक्टर ने अभिनव पहल की है।
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