लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ [Chief Minister Yogi Adityanath] ने मुगलों और सिखों [Mughals and Sikhs] के बीच हुए संघर्ष की याद दिलाते हुए सोमवार को कहा कि आज सिख पूरी दुनिया [ World] में छाये हुए हैं, मगर मुगलों की सत्ता का कहीं अता-पता नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ [Lucknow] के आशियाना स्थित गुरुद्वारे [gurudwara] में श्री गुरु नानक देवजी महाराज के 554वें प्रकाश पर्व [festival of lights] पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सिख गुरुओं का बलिदान केवल खालसा पंथ के लिए न होकर हिंदुस्तान [India] और धर्म [Religion] को बचाने के लिए था।
– खालसा पंथ की स्थापना मुगल सल्तनत के पतन का कारण बनी
मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने कहा कि उस दौर में जब बड़े-बड़े राजा-महाराजा मुगल सत्ता की अधीनता स्वीकार कर रहे थे, तब सिख गुरु अपने दम पर देश और धर्म की रक्षा कर रहे थे। जिस देश और परंपरा में इस प्रकार का जुझारूपन हो उसे दुनिया की कोई ताकत झुका नहीं सकती। उन्होंने कहा कि खालसा पंथ की स्थापना मुगल सल्तनत के पतन का कारण बनी। आज सिख पूरी दुनिया में छाये हैं, मगर मुगलों की सत्ता का कहीं अता-पता नहीं है। ये सत्य और धर्म का रास्ता है।
– प्रकाश पर्व हम सबके जीवन में गुरु कृपा से ज्ञान का प्रकाश देता
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रकाश पर्व हम सबके जीवन में गुरु कृपा से ज्ञान का प्रकाश देता है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं का त्याग, बलिदान, भक्ति, शक्ति, साधना देश और धर्म के लिए अनुकरणीय है और भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गुरु नानक जी का प्रकाश फैला है। उन्होंने कहा कि एक पक्ष भक्ति के माध्यम से साधना का है, तो वहीं दूसरा पक्ष भक्ति के माध्यम से लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। भक्ति के माध्यम से गुरु नानक देव जी ने उस कालखंड में बाबर के अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी।
-जानिए, आगे और क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात और अन्य संकीर्ण विचारों से मुक्त रहकर कार्य करने की प्रेरणा हमें गुरु नानक देव जी से मिलती है। सिख धर्म साधना के गूढ़ रहस्यों से भरा पड़ा है और खालसा केवल एक पंथ नहीं है, यह देश और धर्म की रक्षा के लिए गुरु कृपा से निकला हुआ प्रकाश पुंज है। इसने विपरीत परिस्थितियों में भी विदेशी ताकत को झुकने के लिए मजबूर किया। गुरु नानक जी द्वारा रखी गई इस नींव को और मजबूत करना हर सिख और हर भारतीय का दायित्व है और इसी में राष्ट्र की समृद्धि निहित है।
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