नई दिल्ली (New Delhi)। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima in Hinduism) विशेष महत्व रखती है। कार्तिक महीने और कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) तिथि पर विशेष रूप से भगवान श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना बेहद ही शुभ माना जाता है। मान्यता है इस दिन पूरी श्रद्धा भाव के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ संयोग
इस साल 27 नवंबर के दिन कार्तिक पूर्णिमा पड़ रही है। 26 नवंबर के दिन दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो रही है, जो 27 नवंबर दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के चलते 27 नवंबर के दिन ही कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शिव योग का भी निर्माण हो रहा है, जो बेहद शुभ माना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा पूजा-विधि
कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। वहीं, अगर आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान करें। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की साथ में पूजा करनी चाहिए।
इस दिन विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाने चाहिए और माँ लक्ष्मी को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा पढ़ना पुण्यदायक माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने और इस दिन लक्ष्मी नारायण की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-संपत्ति और खुशहाली बनी रहती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved