नई दिल्ली (New Dehli)। आईसीसी वर्ल्डकप (ICC World Cup)के फाइनल (Final)में हारने के बाद भारत (India )के लोग काफी दुखी (Sad)हो गए। वहीं पाकिस्तान में भारत की हार का जश्न (celebration)मनाया गया। इसी बीच कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार के बाद बांग्लादेश में भी जश्न मनाया गया। अब सवाल उठता है कि 1971 के युद्ध में करारी हार झेलने वाला पाकिस्तान जश्न मनाए तो ठीक है लेकिन उसे भारत की ही वजह से आजादी की हवा में सांस लेने वाले बांग्लादेश के युवा क्यों जश्न मना रहे थे? क्या बांग्लादेश में भारती विरोधी भावनाएं भड़क रही हैं?
बांग्लादेशी लेखिका और ऐक्टिविस्ट तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, बांग्लादेश के युवा भारत की हार पर खुश क्यों थे। भारत ने ही उन्हें आजादी दिलवाई और ज्यादातर चीजों के लिए वे आज भी भारत पर ही निर्भर हैं। हेल्थकेयर से लेकर क्लोदिंग, बीफ और प्याज तक वे भारत से लेते हैं। नसरीन ने कहा, बांग्लादेश की सरकार उन्हें मुसलमान के तौर पर प्रोत्साहित करती है और इसीलिए वे अपने आप हिंदू विरोधी होते जाते हैं।
जानकारों का कहना है कि मुस्लिम बहुल देों में कट्टरपंथियों की बढ़ती संख्या भी इसका एक वजह है। दूसरी तरफ भारत में जल्द ही आम चुनाव होने वाले हैं जिससे लोग बंटने लगे हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि कुछ लोगों में भारत का बिग ब्रदर बनने का ऐट्टिट्यूड है। वहीं बांग्लादेश में पहले से ही कुछ भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक रहे हैं। बता दें कि ढाका विश्वविद्यालय में एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी जिसपर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच का फाइनल मैच देखा जा रहा था। भारत की हार के बाद यहां बहुत सारे लोग डांस करने लगे। भारत की हार पर जश्न मनाने के बांग्लादेश के कई वीडियो वायरल हो गए।
एक बांग्लादेशी शख्स यह भी कह रहा था, भारत की हार ऐसी है जैसे कि बांग्लादेश ने वर्ल्डकप जीत लिया हो। उसने कहा, हम खुश हैं कि भारत हार गया। इतना खुश तो हम तब भी ना होते जब बांग्लादेश जीत जाता। वहीं बांग्लादेश में बहुत सारे लोग भारत की हार से दुखी भी हुए। केवल ढाका विश्वविद्यालय के कैंपस में ही नहीं बल्कि कई जगहों पर भारत की हार पर जश्न मनाया गया। वहीं बांग्लादेशी ऐक्टर चंचल चौधरी का कहना है कि इन वीडियो से पूरे बांग्लादेश का मूड नहीं पता चलता है। इससे इनकार नहीं किया जा सकताहै कि बांग्लादेश में कुछ लोग भारत विरोधी हैं लेकिन ऐसा हर देश में होता है। बहुत सारे बांग्लादेश आजादी की लड़ाई के खिलाफ थे। बहुत सारे लोगों ने इसका समर्थन भी किया था। हालांकि बांग्लादेश के 20 करोड़ लोग ऐसे ही नहीं हैं।
क्या राजनीति भी है वजह?
बांग्लादेश के जानकारों के मुताबिक बहुत सारे लोग बांग्लादेश में होने जा रहे चुनाव से पहले भारत विरोधी अजेंडा चला रहे हैं। इनमें जमात-ए-इस्लामी और इससे मिलते-जुलते संगठन शामिल हैं। जमात 1971 के युद्ध के दौरान भी पाकिस्तान के ही साथ था। बता दें कि भारत ने मुक्ति बाहिनी और शेख मुजीबुर्रहमान की पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान को अलग करवाने में मदद की थी। बता दें कि चुनाव में शेख हसीना की आवामी मीलग की टक्कर खालीदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और जमात से है जो कि प्रो-इस्लामिस्ट हैं। खालिदा जिया फिलहाल हाउस अरेस्ट में हैं।
मैक्सिकन सिंड्रोम
जानकारों का कहना है कि इस तरह से भारत विरोध मैक्सिकन सिंड्रोम भी हो सकता है। मैक्सिकन सिंड्रोम का मतलब होता है कि जब किसी छोटे देश का पड़ोसी हर स्तर पर उससे बड़ा होता है तो उसके अंदर विरोध की भावना जन्म ले लेती है जिस तरह से अमेरिका और मैक्सिको के बीच है।
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