नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने कहा कि आम लोगों की शिकायतों एवं समस्याओं पर (On Complaints and Problems of Common People) तत्काल प्रतिक्रिया देना (To Respond Immediately) सिविल सेवकों का कर्तव्य है (Duty of Civil Servants) । सोशल मीडिया के दौर में नागरिकों तक सर्विसेज पहुंचाने के लिए अपडेटेड उपकरणों और उन्नत तकनीक के उपयोग की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में जब लोग अपनी शिकायतें तुरंत पोस्ट कर सकते हैं, लोगों तक सेवाओं की आपूर्ति के लिए अपडेटेड शासन संबंधी उपकरणों और उन्नत तकनीक का उपयोग करने की आवश्यकता कई गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि आम लोगों की शिकायतों एवं समस्याओं पर तत्काल प्रतिक्रिया देना सिविल सेवकों का कर्तव्य है। राष्ट्रपति के मुताबिक युवा अधिकारियों को ऐसे नवोन्वेषी कदम उठाने चाहिए जो लघु एवं दीर्घावधि में नागरिकों और देश के लिए लाभदायक हों।
शुक्रवार को गुरुग्राम स्थित हिपा में 98वें विशेष फाउंडेशन कोर्स में भाग ले रहे प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
इस दौरान राष्ट्रपति ने उनसे यह बातें कहीं। इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे सिविल सेवकों ने देश के बहुमुखी विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। वे देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए भी जिम्मेदार हैं। आज देश जिस परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, वह हमारे सिविल सेवकों के दृढ़ संकल्प के बिना संभव नहीं हो सकता था।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करना सिविल सेवकों का कर्तव्य है। भारत के नागरिक देश की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदार हैं। उन्होंने उनसे विभिन्न कार्यक्रमों के उद्देश्यों को हासिल करने हेतु जनभागीदारी को बढ़ावा देने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि काल और परिस्थिति के अनुसार सुशासन के मायने बदल जाते हैं। नवीनतम तकनीकों के आगमन के साथ, नागरिकों को त्वरित एवं कुशल सेवा आपूर्ति सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देने हेतु इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस, स्मार्ट गवर्नेंस, प्रभावी गवर्नेंस तथा अन्य शब्दावली उभरे हैं।
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