चंडीगढ़ । पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा (Former Union Minister Kumari Sailja) ने कहा कि अफसर और राइस मिलर्स (Officers and Rice Millers) हर साल (Every Year) करोड़ों रुपये के (Worth Crores of Rupees) चावल घोटाले (Rice Scams) को अंजाम दे रहे हैं (Are Carrying Out) । तमाम मिलर्स की फिजिकल वेरिफिकेशन हाई कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए। कुमारी सैलजा ने कहा कि 23.57 करोड़ का चावल जमा नहीं कराने पर 4 मिलर्स की प्रॉपर्टी अटैच करना सिर्फ दिखावा है। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की नाक के तले अफसर और राइस मिलर्स हर साल करोड़ों रुपये के चावल घोटाले को अंजाम देते आ रहे हैं। साल 2014 में भाजपा की सरकार बनने से साल 2021 तक ही 200 करोड़ का चावल घोटाला सामने आ चुका था ।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि करनाल जिले के 4 मिलर्स के खिलाफ दिखावा मात्र के लिए कार्रवाई की जा रही है। इन्होंने धान खरीद का एक साल बीतने के बाद भी 23.57 करोड़ रुपए का चावल वापस सरकार को जमा नहीं करवाया। जबकि, नियमों को ताक पर रखते हुए सरकार के दबाव में ही अफसर भी बार-बार इसे जमा कराने का समय बढ़ाने का खेल खेलते रहे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहाकि 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से साल 2021 के बीच 200 करोड़ रुपए का चावल मिलर्स जमा कराने में विफल रहे। यह चावल भी अफसरों औऱ मिलर्स की मिलीभगत और सरकार में बैठे लोगों के आशीर्वाद के चलते घोटाले की भेंट चढ़ गया। सरकार ने सिर्फ एफआईआर दर्ज करने की खानापूर्ति के अलावा कुछ नहीं किया। इस साल इसी पैटर्न पर 23 करोड़ से अधिक के घोटाले को अंजाम दे दिया गया।
कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले दिनों विभिन्न योजनाओं के तहत आंगनबाड़ी, स्कूल आदि में बांटे जाने वाले फोर्टिफाइड चावल के 111 सैंपल फेल हो गए थे। एक भी सैंपल निर्धारित मानक पर खरा नहीं पाया गया। सैंपल की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस चावल को फोर्टिफाइड किया ही नहीं गया। जबकि, प्रदेश के बच्चों व महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए इस चावल को भारत सरकार के निर्देश पर फोटिफाइड करना होता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फोर्टिफाइड चावल का मतलब पोषणयुक्त चावल होता है। इसमें आम चावल की तुलना में आयरन विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा जिंक, विटामिन ए, बी डालकर भी फोर्टिफाइड चावल तैयार किया जाता है। इससे भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि राइस मिलर व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए इस घोटाले को सरकार में बैठे लोगों ने ही दबा दिया, ताकि उनकी खुद की भूमिका उजागर न हो जाए। प्रदेश में 2014 से अब तक के तमाम चावल घोटालों की जांच हाई कोर्ट से कराई जानी चाहिए।
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