देहरादून (Dehradun)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा (Silkyara) में फंसे 41 लोगों के लिए एक लगातार दूसरे दिन खुशखबरी सामने आई है। पिछले 10 दिनों से टनल के अंदर जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे लोगों के लिए जीवन की उम्मीद जागी है।
टनल में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए 10 मीटर अंदर तक और खुदाई हो चुकी है। राहत व बचाव का काम युद्धस्तर पर जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि टनल में फंसे सभी लोगों को जल्द ही रेस्क्यू कर लिया जाएगा।
टनल से रेस्क्यू होने के तुरंत बाद ही मेडिकल चैक-अप के लिए सुरंग के बाहर 40 एंबुलेंस भी तैनात की जा चुकी है। सुरंग में फंसे श्रमिकों को अब 800 एमएम के पाइप से बाहर निकाला जाएगा। मंगलवार रात 12 बजे तक 800 एमएम का 22 मीटर पाइप पुश करके 900 एमएम पाइप के अंदर पूरा पहुंचा दिया गया।
पांच दिन विशेषज्ञों के परीक्षण के बाद मंगलवार को 800 एमएम का पाइप डालने की शुरुआत हुई। पाइप को वेल्ड कर जोड़ने में वक्त लग रहा है। उन्होंने बताया कि 900 एमएम का पाइप डालने से ज्यादा कंपन पैदा हो रहा था। ऐसे में पाइप का दायरा घटाया गया है।
मंगलवार देर रात 12 बजे तक 800 एमएम का पाइप 22 मीटर तक डाल दिया गया था। अब इससे आगे ड्रिलिंग कभी भी शुरू की जा सकती है। यदि आगे मलबे में मशीन या चट्टान नहीं मिली तो बुधवार दोपहर तक पाइप बिछाने में काफी हद तक सफलता मिल सकती है।
यहां से आगे 45 मीटर तक की दूरी सबसे अहम रहेगी क्योंकि इसी बीच सबसे अधिक दिक्कत आने की आशंका है। लेकिन, रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे नोडल एजेंसियों का कहना है कि टनल में से सभी को हरहाल में सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
तीस से 40 घंटे के भीतर खुशखबरी की उम्मीद
बचाव कार्यों में बुधवार का दिन बेहद अहम है। तीस से 40 घंटे के भीतर बड़ी खुशखबरी मिलने की पूरी उम्मीद है। सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए गुजरात से एक और ओडिसा से दो मशीनें सिलक्यारा लाई जा रही हैं।
एनएचआईडीसीएल के एमडी एम अहमद का कहना है कि टनल में फंसे लोगों को हरहाल में रेस्क्यू कर लिया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही सभी लोगा टनल से बाहर निकाल लिए जाएंगे।
टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग भी शुरू
टनल के अंदर फंसे 41 लोगों की जान बचाने के लिए रेस्क्यू टीम द्वारा कई विकल्पों पर काम किया जा रहा है। टनल के अंदर से खुदाई करने के साथ ही अब सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी शुरू हो चुका है।
वर्टिकल ड्रिलिंग से पहले निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क बनाई गई थी। ऐसे में उम्मीद की किरण भी दिख रही है सुरंग के अंदर पिछले 10 दिनों से फंसे मजदूरों को जल्द ही जीवनदान मिल जाएगा।
सुरंग में बड़कोट छोर से की जा रही ड्रिलिंग रोकी
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में बड़कोट की तरफ के अंतिम प्वाइंट पर पाइप बिछाने काम रोक दिया गया। टीएचडीसी को इधर से टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए पाइप बिछाने का जिम्मा सौंपा गया था। जिस स्थान पर मजदूर फंसे हैं, वहां से एंड प्वाइंट की दूरी लगभग 483 मीटर है।
टीएचडीसी के विशेषज्ञों को चट्टान पर ड्रिल कर ये पाइप डालने हैं। सोमवार शाम चट्टान में ब्लास्ट कर माइक्रो टनलिंग का काम शुरू हुआ, जिसे मंगलवार सुबह लगभग 10 बजे रोकना पड़ा। बताया गया कि ब्लास्ट करने के कुछ समय बाद लूज फाल हुआ है।
उधर, जिला आपदा केंद्र की रिपोर्ट में बताया गया कि रात्रि में चट्टान पर दो विस्फोट किए गए, जिसमें लगभग साढ़े छह मीटर में सफाई अभियान का काम चल रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved