इंदौर। शहर में इस साल हत्या (Murder) के मामलों में तो कुछ कमी आई है, लेकिन हत्या के प्रयास के मामले 25 प्रतिशत बढ़े हैं। पुलिस का तर्क है कि चाकूबाजों पर सीधे हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया जा रहा है, इसके चलते यह आंकड़े बढ़े हंै।
पुलिस से प्राप्त आंकड़ों के हिसाब से 15 अक्टूबर तक शहर में 35 हत्याएं हुई हैं, जबकि गत वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 48 था। हालांकि हत्या के प्रयास के मामले बढ़े हैं। इस साल अब तक हत्या के प्रयास के 87 मामले दर्ज हुए हैं, जो पिछले साल से 25 प्रतिशत अधिक हैं। पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर का कहना है कि प्रोफेशनल चाकूबाजों ने यदि कोई घटना की तो पुलिस सीधे हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर रही है। इसके चलते यह आंकड़े बढ़े हैं। हालांकि इसका फायदा यह हुआ है कि हत्या के मामलों में कमी आई है। उनका कहना था कि अनुमान था कि यह आंकड़े 50 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं।
मामूली विवाद में हुई दो हत्याओं के बाद शुरू हुई कार्रवाई
कुछ माह पहले कनाडिय़ा थाना क्षेत्र में एक दूल्हे की मामूली टक्कर के विवाद में हत्या कर दी गई थी। वहीं चंदननगर थाना क्षेत्र में भी टक्कर के मामूली विवाद में एक व्यापारी की हत्या कर दी गई थी। दोनों मामलों को पुलिस ने चिह्नित अपराधों में शामिल कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इसके बाद पुलिस ने शहर में चाकूबाजी की घटना में कोई प्रोफेशनल आरोपी है तो उसके खिलाफ सीधे हत्या के प्रयास का केस दर्ज करना शुरू किया है। ऐसे 20 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
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