इंदौर, विकाससिंह राठौर। नया साल आने वाला है। इसके जश्न की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। बड़ी संख्या में लोग साल की आखिरी शाम और नए साल के पहले दिन का जश्न विदेशों में जाकर मनाते हैं। इनमें प्रमुख स्थान दुबई और शारजाह हैं, लेकिन ऐसे लोगों को इस जश्न के लिए ज्यादा कीमत चुकाना पड़ेगी। इंदौर से इन दोनों शहरों के लिए संचालित होने वाली उड़ानों का किराया साल के आखिर और नए साल की शुरुआत में दोगुने से ज्यादा है।
इंदौर से एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा सप्ताह में दो दिन शारजाह और एक दिन दुबई जाने और आने वाली सीधी उड़ान का संचालन किया जाता है। आमतौर पर इन उड़ानों का एक ओर का किराया 12 हजार रुपए होता है। अभी भी इन दोनों ही उड़ानों का यही किराया मौजूद है, लेकिन साल के अंत की बात करें तो इन दिनों में इन उड़ानों में यात्रा करने के लिए यात्रियों को अभी ही दोगुने से ज्यादा किराया चुकाना पड़ रहा है और टिकटों की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है।
दुबई का 35 और शारजाह का 26 हजार किराया
ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष हेमेंद्रसिंह जादौन ने बताया कि इंदौर से दुबई जाने वाली उड़ान का मौजूदा किराया 16 हजार है, वहीं शारजाह का 12 हजार। अगर साल के अंत और नए साल की शुरुआत की बात करें तो दुबई की 29 दिसंबर की फ्लाइट का टिकट 30 हजार और 5 जनवरी का 35 हजार में मिल रहा है। वहीं वापसी के टिकट भी अभी जहां 14 हजार के हैं, वहीं बाद में यह 18 से 20 हजार के हैं। इसी तरह शारजाह की उड़ानों में साल के अंत में किराया 26 हजार है, वहीं आने का 21 हजार। दूसरी ओर 14 जनवरी के बाद यह घटकर दोबारा 13 हजार में उपलब्ध है।
गोवा, दिल्ली और मुंबई की उड़ानें भी महंगी
इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के साथ ही बड़ी संख्या में लोग गोवा, मुंबई जाकर भी जश्न मनाते हैं। वहीं कई लोग कश्मीर भी जाते हैं, जहां पर्यटन के साथ ही धार्मिक यात्रा जैसे वैष्णोदेवी के दर्शन भी करते हैं। इसे देखते हुए गोवा, मुंबई और दिल्ली की उड़ानों का किराया भी जहां आम दिनों में 4 से 5 हजार होता है, वहीं साल के अंत में यह भी 8 हजार से ज्यादा हो रहा है।
होटलें भी हुई महंगी
जादौन ने बताया कि उड़ानों के साथ ही होटलें भी आम दिनों की अपेक्षा साल के अंत में काफी महंगी हैं। कई शहरों में तो अच्छी होटलों में बुकिंग तक नहीं मिल पा रही है। कई लोगों ने पहले से ही अपनी ट्रिप बुक करवा ली है। वहीं जो लोग अभी बुकिंग करवा रहे हैं, उन्हें सामान्य से ज्यादा शुल्क चुकाना पड़ रहा है। मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भी यही हाल है।
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