नई दिल्ली। पाकिस्तान की ना तो दोस्ती अच्छी और ना ही दुश्मनी। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान किसी का सगा नहीं है। दरअसल हमेशा फिलिस्तीन का साथ देने वाले पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से इजरायल को बम भिजवाया है। पाकिस्तान उन मुस्लिम देशों में शामिल है जो इजरायल को देश तक नहीं मानता है। लेकिन अब खबर आ रही है कि पाकिस्तान ने इजरायल को तोप के गोले भिजवाए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि तोप के गोले RAF अक्रोटिरी बेस के जरिए इजरायल पहुंचाए गए हैं।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया गया। इस पोस्ट में बताया गया कि ब्रिटिश रॉयल एयरफोर्स और अमेरिकी वायु सेना के जरिए पाकिस्तान ने इजरायल को 155एमएम के तोप के गोले भिजवाए हैं। दावा है कि दूसरे देशों के जरिए इजरायल को पाकिस्तान ने ये हथियार भिजवाए। रॉयल एयरफोर्स का विमान बहरीन एयरपोर्ट से रावलपिंडी के नूरखान एयरबेस पहुंचा। यहां से एयरक्राफ्ट बहरीन फिर ओमान होते साइप्रस पहुंचा। साइप्रस के जरिए ये हथियार इजरायल को दिया गया है।
इजरायली अखबार का बड़ा दावा
इजरायली अखबार हारेत्ज ने भी बीते दिनों ऐसा ही दावा किया था। इजरायली अखबार ने दावा करते हुए कहा, ’40 से ज्यादा अमेरिकी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 20 ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और सात हैवी कार्गो हेलीकॉप्टरों ने RAF अक्रोटिरी बेस के लिए उड़ान भरी है। इन विमानों में हथियार समेत कई अन्य उपकरण मौजूद हैं।’
हारेत्ज ने आगे कहा कि नेगेव रेगिस्तान के पास नेवातिन वायु सेना बेस पर उतरने वाले अमेरिकी विमानों ने इजरायल की सेना को हथियार पहुंचाए हैं। इन विमानों में कई जरूरी चीजों के साथ बख्तरबंद वाहन भी लदे हुए थे। हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय और पाकिस्तानी सरकार द्वारा इन खबरों का खंडन किया जाता रहा है।
इजरायल और पाकिस्तान का गुपचुप रिश्ता?
दरअसल पाकिस्तान उन देशों में से है जो इजरायल को मान्यता नहीं देता। पाकिस्तानी पासपोर्ट के पीछे एक चेतावनी भी होती है, जिसमें लिखा होता है- यह पासपोर्ट इजरायल को छोड़कर दुनिया के सभी देशों के लिए वैध है। लेकिन तुर्की के रास्ते इजरायल तक पहुंचने का पाकिस्तान का पुराना इतिहास रहा है।
साल 2009 में विकीलीक्स की तरफ से दावा किया कि खुफिया एजेंसी ISI ने मुंबई में हुए 26/11 हमले के प्रति इजरायल को आगाह किया था। ISI ने इजरायल को संदेश भिजवाया कि आतंकवादियों द्वारा मुंबई में यहूदियों के एक सेंटर को निशाना बनाया जाएगा। साल 2020 में अब्राहम समझौते की सफलता के बाद, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया कि अमेरिका के अलावा एक अन्य देश चाहता है कि इजरायल के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सामान्य हों।
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