उत्तरकाशी टनल हादसा… अंदर से आती हैं आवाजें… कर देती हैं आंखें नम
देहरादून। उत्तराखंड (Uttarakhand) के सिल्क्यारा सुरंग में 40 मजदूरों को फंसे आज सातवां दिन हो गया है। अमेरिकी ड्रिलिंग मशीन (American drilling machine) की मदद से राहत और बचाव कार्य चल रहा है। 150 घंटे से ज्यादा समय से सुरंग में फंसे मजदूरों की अब तबीयत खराब होने लगी है। सुरंग के बाहर मौजूद उनके परिजन चिंता में हैं। कुछ मजदूरों की उनके घरवालों से बातचीत भी कराई गई। ऐसे ही एक मजदूर पुष्कर को जब अपने भाई विक्रमसिंह से मुखातिब होने का मौका मिला तो उसके मुंह से सबसे पहले यही बात निकली कि भाई, मां को मत बताना कि मैं यहां सुरंग में फंसा हुआ हूं। कमजोरी की वजह से 25 साल के पुष्कर की ठीक से आवाज भी नहीं निकल रही थी। फुसफुसाते हुए उसने भाई से कहा कि मैं ठीक हूं। यहां और भी मजदूर फंसे हुए हैं। अगर तुम मां से मेरे बारे में बताओगे तो वह चिंता करेंगी। अपनी छोड़ मां की चिंता करने वाले भाई से बात कर पुष्कर रो पड़ा। सुरंग में डाले गए एक पाइप के जरिए विक्रमसिंह ने पुष्कर से बातचीत की। चंपावत जिले के छन्नी गोठ गांव के रहने वाले विक्रम ने बताया कि मुझे गत शुक्रवार को अपने भाई से थोड़ी देर बात करने का मौका मिला। पूरी बातचीत के दौरान उसकी चिंता यही रही कि मैं इस बारे में मां को न बताऊं। मैंने उससे उसके स्वास्थ्य के बारे में पूछा और उसे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपडेट दिया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved