इंदौर (Indore)। कल मतदान समाप्त होने के बाद भी कई मतदान केन्द्रों पर बड़ी-बड़ी कतारें देखी गईं, जिस पर आश्चर्य हुआ। 2 और 3 नंबर के कुछ मतदान केन्द्रों पर तो रात 8 बजे तक मतदान चलता रहा, वहीं पांच नंबर के मतदान केन्द्रों पर भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही। इस बार मध्यप्रदेश में मतदान का समय 1 घंटे बढ़ा दिया गया था। सुबह 7 बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 6 बजे तक चलता रहा, यानी कुल 11 घंटे मतदान हुआ। दोपहर में मतदान केन्द्रों पर भीड़ कम हो गई, लेकिन मतदान समाप्ति के पहले से कई मतदान केन्द्रों पर कतारें बढऩा शुरू हुईं। कई मतदान केन्द्रों पर महिला और पुरुषों की संख्या बराबर थी। तीन इमली के पास क्षेत्र क्रमांक 3 के मतदान केन्द्र के बाहर लंबी-लंबी कतारंे देखी गईं तो चितावद कांकड़ में भी महिलाओं की बड़ी संख्या रही। राऊ के बिजलपुर में भी यही हाल था। यहां भाजपा के नीलेश चौधरी और अंकित परमार आखिरी तक डटे रहे और 6 बजे बाद मतदान केन्द्र के बाहर खड़े लोगों को अंदर कराया और मतदान कराया।
6 बजे तक जितने लोग मतदान केन्द्र के परिसर में पहुंच गए थे, उन्हें अंदर ले लिया गया था और उनसे वोटिंग करवाई गई। इसके बाद जिन मतदान केन्द्रों में अंदर जाने की व्यवस्था नहीं थी, उन मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की पर्ची पर सील लगा दी गई थी, ताकि वे मतदान कर सकें। 2 नंबर विधानसभा में तो रात 8 बजे तक मतदान चलता रहा। यहां 21 नंबर वार्ड के सागर विहार कालोनी स्थित बूथ पर रात 8 बजे तक मतदान होता रहा। फिर भी यहां 66 प्रतिशत वोट ही डाले गए। 2 नंबर के चुनाव संचालक कमलेश शर्मा के अनुसार कल ईवीएम के कारण मतदान बहुत धीमा हुआ। हमने निर्वाचन अधिकारी को बुलाकर बताया कि एक वोट डालने में कितना समय लग रहा है। वहीं 35 नंबर वार्ड के कुछ बूथों में तो रात साढ़े 8 बजे तक मतदान होता रहा, जिसके कारण मतदान दल देरी से स्टेडियम पहुंचे। 5 नंबर के कुछ मतदान केन्द्रों पर भी शाम 7 बजे तक मतदान चलता रहा। वहीं राऊ विधानसभा में विद्या नगर, जानकी नगर के मतदान केन्द्र पर अंतिम दौर में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। यहां शक्ति केन्द्र प्रभारी कमल गोस्वामी और सहप्रभारी गोलू हार्डिया ने कांग्रेसियों के बार-बार मतदान केन्द्र पर आने-जाने में आपत्ति ली तो वहां कांगे्रस नेता भी पहुंच गए। इस चक्कर में यहां भी थोड़ी देर के लिए मतदान रुका। कल अधिकांश मतदान केन्द्रों पर बंैक कर्मचारियों को लगा दिया गया था, जिन्होंने पहली बार मतदान कराया। इसी कारण मतदान भी लेट हुआ।
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