78 उम्मीदवारों को जारी किए नोटिस, जागरूकता के साथ इंदौरी मीडिया रहा सतर्क
इन्दौर। आयोग ने पेड न्यूज (paid news) पर रोक लगाने के लिए राज्य और जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (Media Certification and Monitoring Committee) भी गठित करवाई, जिसका दावा है कि 24 ही घंटे चुनाव से संबंधित खबरों पर निगरानी रखी गई।
इंदौर में पेड न्यूज का एक भी मामला सामने नहीं आया। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों से पेड न्यूज के लगभग 80 प्रकरण बने और जिला स्तरीय कमेटी ने 78 प्रकरणों में उम्मीदवारों को नोटिस जारी किए, जबकि दो प्रकरण शुरुआती जांच के बाद पेड न्यूज के नहीं निकले। लिहाजा उन्हें जिला स्तर पर ही निरस्त कर दिया। वहीं 30 प्रकरण पेड न्यूज के माने गए हैं और समिति के समक्ष 48 प्रकरण विचाराधीन हैं। संयुक्त संचालक जनसम्पर्क इंदौर आरसी पटेल का कहना है कि इंदौर में पेड न्यूज का एक भी मामला सामने नहीं आया। मीडिया के लिए ली गई कार्यशाला और जन जागरण का जो अभियान चलाया गया उसका यह असर हुआ कि इंदौर का मीडिया भी सतर्क रहा और पेड न्यूज से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिली। दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत पेड न्यूज से संबंधित शिकायत मिलने पर उम्मीदवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाता है। यदि उम्मीदवार 48 घंटे जवाब नहीं देता तो कमेटी अपना निर्णय लेती है और पेड न्यूज का खर्चा उसके चुनावी खाते में जोड़ दिया जाता है।
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